इस दौरान फारूक अब्दुल्ला से पूछा गया कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाले भारत में हिंदू होना कैसा लगता है। इसके जबाव में अब्दुल्ला ने कहा कि यह भयावह है। उन्होंने कहा कि आज भारत सांप्रदायिक होता जा रहा है और इसके लिए मौजूदा सरकार जिम्मेदार है। पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पहले भारत धर्मनिरपेक्ष था, लेकिन सरकार इसे साम्प्रदायिक बना रही है, वे लोगों को बांटने का काम कर रही है।
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परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे फारूक
इस दौरान पूर्व सीएम ने परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर भी बात की। उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस परिसीमन आयोग के प्रस्तावों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। मेरा मानना है कि परिसीमन करने और जम्मू को कश्मीर से अधिक सीटें देने का निर्णय संविधान के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का भी उल्लंघन है। इस दौरान विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर राज्य का दर्जा बहाल होने से पहले चुनाव कराए जाते हैं, तो उनकी पार्टी लड़ेगी। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव में जीत का दावा भी किया।
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गौरतलब है कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को घेरा है। इससे पहले भी वे कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने, घाटी में प्रतिबंध लगाने जैसे मुद्दों पर सरकार पर हमलावर रहते हैं।