मेदांता अस्पताल में चेस्ट सर्जरी संस्थान के चेयरमैन डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि दिल्ली की हवा इन दिनों बेहद जहरीली है। उन्होंने बताया कि मुझे सांस की कोई समस्या नहीं है, इसके बावजूद घर से बाहर निकलने पर मेरा दम घुट रहा है। ऐसे में सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों की परेशानी की मैं कल्पना कर सकता हूं। डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि दिल्ली की हवा कोरोना से स्वस्थ्य हो चुके लोगों को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है।
उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण उन लोगों के लिए गंभीर जटिलता पैदा कर सकता है जो COVID-19 से उबर चुके हैं। दिल्ली और आस-पास के इलाको में बड़ी संख्या में लोग कोरोना महामारी से ठीक हुए हैं, लेकिन अगर ये लोग इस तरह की खराब हवा के संपर्क में रहेंगे तो समस्या फिर बढ़ सकती है। डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि इससे उनके फेफड़े गंभीर जटिलताओं की चपेट में आ जाएंगे। ऐसे में हवा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए हर संभव उपाय करना समय की मांग है।
वहीं एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया भी इस बात ये सहमत हैं कि प्रदूषित हवा कोरोना से उबरे लोगों की समस्या बढ़ा सकती है। यही नहीं प्रदूषण से कोविड-19 के और भी गंभीर मामले सामने आ सकते हैं। ऐसे में लोगों को मास्क जरूर पहनना चाहिए, यह कोरोना संक्रमण और प्रदूषण दोनों से सुरक्षा में मदद करेगा।