SBI ने दिया ये तर्क
SBI ने अपने आवेदन में कोर्ट से कहा कि 12 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2024 तक 22,217 चुनावी बॉन्ड जारी किए गए हैे। साथ ही भुनाए गए बॉन्ड को प्रत्येक चरण के आखिर में अधिकृत शाखाओं की ओर से मुंबई मुख्य शाखा में जमा किया गया था। एसबीआई ने कहा कि दोनों की जानकारी इकट्ठा करने के लिए 44,434 सेटों को डिकोड करना होगा। साथ ही कोर्ट की ओर से तय समयसीमा में ये प्रक्रिया पूरी करना असंभव है।
11 मार्च को हो सकती है अगली सुनवाई
एडीआर की याचिका पर अगली सुनवाई 11 मार्च को हो सकती है। एडीआर ने कहा कि समयसीमा बढ़ाने की मांग आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पारदर्शिता को विफल करने का प्रयास है। SBI ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर समयसीमा बढ़ाने की मांग की है। बैंक ने 6 मार्च की समयसीमा को आगे बढ़ाकर 30 जून तक करने की मांग की है।