प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि परियोजना में कुछ अनियमितताएं हैं और कई अनुबंध संदिग्ध पाए गए हैं। इसके लिए शिवशंकर को हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है। ईडी की यह कार्रवाई सीबीआई की एक प्राथमिकी पर आधारित है। इसमें आरोप लगाया गया था कि परियोजना को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन में एक विदेशी संस्था द्वारा वित्त पोषित किया गया था।
आपको बता दें कि इससे पहले भी शिवशंकर को तीन बार अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया जा चुका है। शिवशंकर को इससे पहले 2020 में केरल सोने की तस्करी मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था। जहां उसने कथित करीबी स्वप्ना सुरेश को भी गिरफ्तार किया था। जिसे राजनयिक सामान के माध्यम से पूरे सोने की तस्करी के अभियान के प्रमुख खिलाड़ी के रूप में बताया गया था।
यह मामला केरल सरकार की LIFE मिशन परियोजना से संबंधित है। इस योजना के माध्यम से त्रिशूर जिले के वडक्कनचेरी में 140 परिवारों के लिए घर बनाने करार किया गया था। इस योजना कि लिए 18.50 करोड़ रुपये में से 14.50 करोड़ रुपये रेड क्रीसेंट द्वारा संयुक्त अरब अमीरात वाणिज्य दूतावास के माध्यम से दिए गए हैं। शेष राशि एक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र के निर्माण किया गया। UNITAC के प्रबंध निदेशक संतोष एपन ने बताया था कि स्वप्ना सुरेश सहित आरोपियों ने प्रोजेक्ट के लिए 4.48 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। आरोपी स्वप्ना सुरेश और सरिथ पीएस ने आरोप लगाया कि इसमें शिवशंकर का हाथ है।