राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने यह जानकारी दी। इससे पहले 3 नवंबर और 6 नवंबर को भी 6.4 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। इसके कारण नेपाल में करीब 150 लोगों की मौत हो गई। 15 और 16 अक्टूबर को भी दिल्ली,एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं
फिलहाल इस भूकंप से भारत में किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है लेकिन इसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार में भी महसूस किया गया। कई जगहों पर यह इतना असरदार रहा कि लोग डर के कारण घर से बाहर निकल आए और अब वीडियो साझा कर रहे हैं। भूंकप वैज्ञानिकों के अनुसार 6 से अधिक तीव्रता की भूकंप तबाही मचा सकता है।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर सात या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।