लोगों को घरों में ही बाल्टी या कंटेनर में विसर्जन करना होगा। दुर्गा पूजा उत्सव से पहले दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति किसी भी जलाशय में भी मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी है। यह भी पढ़ेंः
Durga Puja 2021: पंडालों में दिखी पॉलिटिक्स, ‘खेला होबे’ और ऑक्सीजन क्राइसिस कंट्रोल थीम पर हुई सजावट डीपीसीसी ने राजधानी के लोगों से कहा कि वे अपने घरों में ही बाल्टी या कंटेनर में मूर्ति विसर्जन करें। समिति ने कहा कि मूरित विसर्जन के चलते नदियों और झीलों में होने वाला प्रदूषण चिंता का विषय है।
50 हजार रुपए का जुर्माना
डीपीसीसी के आदेश में आम लोगों और पूजा समिति से कहा गया है कि पूजा सामग्री जैसे फूल, सजावट का सामान आदि मूर्ति विसर्जन से पहले हटा लें। घर-घर जाकर जो लोग वेस्ट कलेक्ट कर रहे हैं उनको दें ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे। इसकी अवेहलना करने पर 50 हजार जुर्माना देना होगा।
प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने कहा कि मूर्ति विसर्जन के कारण पानी की गुणवत्ता में गिरावट को लेकर किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि इससे पानी के संदर्भ में वाहकता, जैव रासायनिक ऑक्सीजन की मांग और भारी धातु एकाग्रता के संबंध में गुणवत्ता में गिरावट आती है।
दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी ने कहा है कि प्लास्टर ऑफ पेरिस से मूर्ति बनाने के बजाय पारंपरिक मिट्टी जैसी प्राकृतिक सामग्री का उपयोग किया जाना चाहिए। उसने कहा कि पीओपी से बनी मूर्तियों पर लगाए गए रसायनिक रंगों और पेंट के कारण जलीय जीवों के जीवन पर बेहद हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
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Chhat Puja: दिल्ली में सियासी पारा हाई, AAP का BJP पर पलटवार, ये स्वास्थ्य का मसला है राजनीति का नहीं डीपीसीसी ने कहा कि मूर्तियों को रंगे जाने के लिए केवल पानी में घुलनशील और गैर विषैले प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाना चाहिए।
डीपीसीसी ने इन निर्देशों के साथ ही संबंधित एजेंसियों को शुक्रवार को नियमों का उल्लंघनों करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने को भी कहा है।