साथ ही कोर्ट ने सरकार को प्रदूषण से निपटने के लिए तत्काल उपाय के तौर पर दो दिन का लॉकडाउन (Lockdown Delhi NCR) लगाने की सलाह भी दी। यह भी पढ़ेँः
दुनिया की सबसे प्रदूषित जगहों में भारत के 3 शहर, जानिए कहां-कितनी जहरीली हवा राजधानी दिल्ली दिन-प्रतिदिन गैस चैंबर बनती जा रही है। इस पर वायु प्रदूषण के खतरे को देखते हुए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई और कहा कि प्रदूषण के लिए किसानों को कोसना एक फैशन बन गया है।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने केंद्र को बताया कि वायु प्रदूषण एक गंभीर स्थिति है। उन्होंने कहा कि हमें घर पर भी मास्क पहनकर रहना पड़ रहा है। सीजेआई ने दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुझाव दिया कि केंद्र और दिल्ली सरकार उच्च प्रदूषण के स्तर को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी में दो दिनों का लॉकडाउन करने पर विचार कर सकती है।
शीर्ष अदालत ने पूछे सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं? SC ने केंद्र को बताया कि वह कहता है कि पराली जलाने के लिए 2 लाख मशीनें उपलब्ध हैं और बाजार में 2-3 तरह की मशीनें उपलब्ध हैं, लेकिन किसान उन्हें खरीद नहीं सकते हैं। केंद्र / राज्य सरकारें किसानों को ये मशीनें क्यों नहीं दे सकतीं या वापस ले सकती हैं?
SC ने पूछा – हमें बताएं कि हम एक्यूआई को 500 से कम से कम 200 अंक कैसे कम कर सकते हैं? कुछ जरूरी उपाय करें। क्या आप दो दिन के लॉकडाउन या कुछ और के बारे में सोच सकते हैं? लोग कैसे रह सकते हैं?
15 नवंबर तक टली सुनवाई
सर्वोच्च अदालत में सुनवाई सोमवार सुबह 10:30 बजे तक के लिए टल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सभी राज्यों को प्रदूषण कम करने के कदमों पर आपात बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी मांगी है।
यह भी पढ़ेँः Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा ने बढ़ाई मुश्किल, हेल्थ इमरजेंसी के हालात स्कूल खोल दिए, प्रदूषण के संपर्क में हैं बच्चेजस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, समस्या की गंभीरता के बारे में सोचिए। कोरोना के बाद स्कूल खोले गए हैं, छोटे बच्चे घर से 7 बजे स्कूल जाते हैं। वे सभी प्रदूषण के संपर्क में हैं। छोटे बच्चे इनका शिकार हो रहे हैं।
कोर्ट ने दिलली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ये सिर्फ केंद्र का नहीं बल्कि आपका भी अधिकार क्षेत्र है, इस मोर्च पर क्या हो रहा है?
आपातकालीन निर्णय ले केंद्र
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में है ऐसे में इससे निपटने के लिए आपातकालीन निर्णय लें। हम बाद में दीर्घकालिक समाधान देखेंगे।