दरअसल दिवाली के बाद से ही राजधानी दिल्ली और उससे सटे इलाकों में वायु प्रदूषण ने लोगों की जीना मुहाल कर दिया है। बढ़ते प्रदूषण स्तर के बीच सुप्रीम कोर्ट लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए और इसको लेकर केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों को भी फटकार लगाई है।
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Delhi Air Pollution: घरों के अंदर भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक, WHO के मानकों से 20 गुना ज्यादा, जानिए कब तक राहत के आसार दिल्ली-एनसीआर में पर्यावरण प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को एक हफ्ते के अंदर निर्माण गतिविधियों और औद्योगिक गतिविधियों पर प्रतिबंध हटाने पर निर्णय लेने की छूट दी है।
यही नहीं कोर्ट ने आदेश दिया कि निर्माण गतिविधियों से संबंधित सभी निर्मण वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ही लेगा। अपने आदेश में शीर्ष अदालत ने कहा, ‘हम आयोग को विभिन्न उद्योगों और संगठनों के अनुरोधों की जांच करने का निर्देश देते हैं, जो हमारे आदेशों के आधार पर या अन्यथा उनके परिपत्रों के आधार पर लगाई गई शर्तों में छूट के बारे में हैं।’
यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि, हमें उम्मीद है कि आयोग एक सप्ताह के समय में इस पर गौर करेगा। इसके अलावा सर्वोच्च अदालत ने कहा कि वायु गुणवत्ता आयोग स्कूल खोलने, औद्योगिक इकाइयां खोलने समेत अन्य सभी राहतों के बारे में भी एक हफ्ते में गौर करेगा। इसके बाद इनको लेकर कोई भी फैसला दे सकता है। आयोग को अपनी अनुपालन रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में भी देना होगी।
दो आवेदनों को रखा लंबित
शुक्रवार को हुई सुनवाई को दौरान शीर्ष अदालत ने मुख्य याचिका और दो आवेदन को अपने पास लंबित रखा है। बताया जा रहा है कि इन आवेदनों पर बाद में सुनवाई की जाएगी।
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अगुवाई में तीन सदस्यीय पीठ प्रदूषण मामले की सुनवाई कर रही है। ये बोले-याचिकाकर्ता के वकील
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, स्थितियां पहले से बेहतर हुई हैं, लेकिन दिल्ली-एनसीआर के मद्देनजर मामले पर सुनवाई होनी चाहिए, ताकि समस्या का हल निकल सके।
यह भी पढ़ेँः CDS Bipin Rawat हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद भी थे जिंदा, हिंदी में कही थी कुछ बात, बचावकर्मी ने सुनाई आंखों देखी केंद्र और राज्य सरकारें उठा रहीं कदमबता दें कि इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट सख्त लहजे में केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगा चुकी है। इसके बाद जहां केंद्र ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को देखते हुए टास्क फोर्स और फ्लाइंग स्क्वाड का गठन किया वहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने भी स्कूल-कॉलेजों तुरंत बंद करने के साथ ही आवश्यक गाइडलाइन जारी कर दी थी।
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से गठित टास्क फोर्स में 5 सदस्य शामिल किए गए हैं और इन्हें विधायी शक्तियां भी दी गई हैं। टास्क फोर्स के पास सजा देने का भी अधिकार है।