नेजल वैक्सीन का क्या है फायदा
इस वैक्सीन की मुख्य बात यह है कि इस नाक के जरिए शरीर में पहुंचाया जाएगा। दूसरी खुराक और बूस्टर डोज के बीच का अंतराल 6 महीने तक हो सकता है। जानकारी के अनुसार भारत बायोटेक द्वारा सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि नेजल वैक्सीन को बूस्टर डोज के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह डोज उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है जो कोविशील्ड और कोवैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुके हैं। इससे पहले इस वैक्सीन के निर्माता ने उन लोगों के लिए बूस्टर खुराक का प्रस्ताव दिया है, जिन्हें पहले से ही कोविशील्ड औए कोवैक्सीन का टीका लगाया गया हो।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने पिछले महीने कहा था – भारत को बधाई हमको कोविड के खिलाफ जंग में सफलता पूर्वक आगे बढ़ रहे हैं। भारत सरकार ने दो वैक्सीन और एक टेबलेट को मंजूरी दे दी है, ये हैं- कोवोवैक्स, कोर्वीवैक्स और एक पिल जिसका नाम मोल्नुपिराविर है|