scriptऑनलाइन पेमेंट करने वालों की बढ़ेगी मुश्किलें: सरकार करने जा रही है ये बड़े बदलाव, जानिए है क्या नियम | Cyber Fraud: First digital transaction of more than Rs 2000 may take four hours | Patrika News
राष्ट्रीय

ऑनलाइन पेमेंट करने वालों की बढ़ेगी मुश्किलें: सरकार करने जा रही है ये बड़े बदलाव, जानिए है क्या नियम

ऑनलाइन फ्रॉड पर शिकंजा कसने के लिए सरकार डिजिटल पेमेंट के नियमों में बदलाव करने जा रही है। 2000 रुपए से ज्यादा के पहले डिजिटल ट्रांजेक्शन में चार घंटे का समय लग सकता है।

Nov 29, 2023 / 10:39 am

Shaitan Prajapat

online_payments998.jpg

डिजिटल पेमेंट में होने वाली धोखाधड़ी रोकने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। दो व्यक्तियों के बीच 2,000 रुपए से ज्यादा के पहले लेन-देन के लिए न्यूनतम समय-सीमा तय करने की योजना है। यह चार घंटे तक हो सकती है। इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आइएमपीएस), रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीडी) और यूपीआई के जरिए होने वाले डिजिटल पेमेंट इसके दायरे में आने के आसार हैं। इससे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पूरा होने के लिए लोगों को चार घंटे इंतजार करना पड़ सकता है।


डिजिटल पेमेंट में होगा बड़ा बदलाव

एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी अधिकारियों का मानना है कि इससे साइबर फ्रॉड को कम किया जा सकेगा। हालांकि इससे डिजिटल पेमेंट में कुछ कमी आ सकती है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि आरबीआई, सरकार, पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों, गूगल, रेजरपे जैसी टेक कंपनियां समेत इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स के साथ बुधवार को होने वाली बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है।

डिजिटल पेमेंट से सबसे ज्यादा फ्रॉड

वित्त वर्ष 2022-23 में डिजिटल पेमेंट में बैंकों ने सबसे ज्यादा फ्रॉड दर्ज किए। आरबीआई की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक इस अवधि में बैंकों में फ्रॉड के 13,530 मामले दर्ज हुए। इन मामलों में 30,252 करोड़ रुपए की ठगी की गई। हाल ही यूको बैंक ने अपने खाताधारकों के खाते में आइएमपीएस के जरिए 820 करोड़ रुपए क्रेडिट कर दिए थे।

यह भी पढ़ें

उत्तरकाशी टनल : जब मशीनें हुई फेल तो इस इंजीनियर का आइडिया आया काम, जानिए कौन हैं सनद कुमार जैन



फिलहाल ट्रांजेक्शन के क्या हैं नियम

– भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ऑनलाइन मनी ट्रांसफर के लिए नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स फंड ट्रांसफर (एनईएफटी), आरटीजीएस और आइएमपीएस जैसे कई चैनल उपलब्ध कराता है। छोटे अमाउंट के लिए आइएमपीएस और एनईएफटी का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है। आरटीजीएस का इस्तेमाल हाई-वैल्यू ट्रांजेक्शंस के लिए किया जाता है।
– एनईएफटी में आमतौर पर बेनेफिशियरी के अकाउंट में पैसे आने में 15 मिनट लगते हैं। कुछ मामलों में इससे ज्यादा टाइम भी लग सकता है, लेकिन दो घंटे में बेनेफिशियरी को पैसे मिल जाते हैं।
– आरबीआइ के नियम के मुताबिक अगर ट्रांजेक्शन होने के दो घंटे के भीतर बेनेफिशियरी के अकाउंट में क्रेेडिट नहीं होता है या भेजने वाले के अकाउंट में पैसे रिटर्न नहीं किए जाते हैं तो बैंक को जुर्माना भरना होता है।
– आरटीजीएस के ट्रांजेक्शन के लिए भी लगभग यही नियम हैं। आमतौर पर भेजने वाले के अकाउंट से ट्रांसफर पूरा होने के बाद रियल टाइम में बेनेफिशियरी के अकाउंट में पैसे आ जाते हैं। बेनेफिशियरी के बैंक को उसके अकाउंट में 30 मिनट के अंदर अमाउंट क्रेडिट कर मैसेज भेजना होता है।
– अगर भेजने वाले ने बेनेफिशियरी के अकाउंट का ब्योरा गलत दे दिया हो तो वह बैंक में लिखित आवेदन देकर ट्रांजेक्शन रद्द करने को कह सकता है।

यह भी पढ़ें

कौन हैं मुन्ना कुरैशी और वकील खान? टनल में फंसे 41 मजदूरों को बचाने में निभाई अहम भूमिका

Hindi News/ National News / ऑनलाइन पेमेंट करने वालों की बढ़ेगी मुश्किलें: सरकार करने जा रही है ये बड़े बदलाव, जानिए है क्या नियम

ट्रेंडिंग वीडियो