खास बात यह है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन को कारगर तरीका माना जा रहा है, लेकिन इस बीच वैक्सीन की दोनों खुराक लेने वाले भी ज्यादातर कोरोना के शिकार हो रहे हैं। अकेले केरल ( Coronavirus In Kerala ) राज्य में नतीजे चौंकाने वाले हैं। यहां वैक्सीन ( Corona Vaccination ) की दोनों डोज लेने वाले मरीजों की संख्या 40 फीसदी हैं।
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Coronavirus In Delhi: पाबंदियों में ढील पड़ रही भारी, दो दिन में बढ़े कोविड केस, 20 इलाके सील बढ़ा ब्रेकथ्रू इंफेक्शन का खतराकेरल में रोजाना दर्ज किए जाने वाले कोरोना के नए मामलों में 40 फीसदी मरीज ऐसे हैं जो वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं। यही वजह है कि ऐसा माना जा रहा है कि देश में अब ब्रेकथ्रू इंफेक्शन का खतरा बढ़ने लगा है।
क्या है ब्रेकथ्रू इंफेक्शनब्रेकथ्रू इंफेक्शन का मतलब उन मामलों से है जिसमें दोनों डोज लगवा चुके मरीज भी संक्रमित हो रहे हैं। इस खतरे को देखते हुए जल्द ही बूस्टर डोज की जरूरत भी पड़ सकती है।
ऐसे जानकारों की चिंता का विषय यह है कि अगर केरल की तरह अन्य राज्यों में वैक्सीन की दोनों खुराक लेने वालों की तादाद बढ़ी तो ये आने वाले समय के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
केरल अब भी नए मामलों में सबसे आगे
दरअसल केरल समेत देशभर में कोरोना के मामलों में कमी आई है लेकिन ब्रेकथ्रू इंफेक्शन ने चिंता बढ़ा दी है।
वहीं, केरल अभी भी नए मामलों में सबसे ज्यादा केस वाला राज्य है। यहां पिछले एक हफ्ते के आंकड़ों को देखें तो रोजाना 6000 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं जो कि पूरे देश के नए मामलों में 60 फीसदी के करीब हैं।
यही नहीं, केरल के इन नए मामलों में 40 फीसदी नए मरीज वो हैं जिन्होंने दोनों डोज ले ली है। ये हालत तब है जब केरल की 95 प्रतिशत आबादी को कोरोना का पहला टिका और 60 प्रतिशत आबादी को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं।
यह भी पढ़ेँः कोरोना के ताजा आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता, महज दो दिन में मरने वालों की संख्या में हुआ इतने फीसदी इजाफा देशभर में राहतदेश की बात करें तो बीते 24 घंटो में जिन 125 मरीजों की कोविड-19 से मौत हुई है उनमें 65 केरल से और 18 महाराष्ट्र से हैं। इसके अलावा, बीमारी से उबरने वालों की संख्या बढ़कर 3,38,49,785 हो गई है जबकि मृत्यु दर 1.35 प्रतिशत है।