मनीष सिसोदिया
दिल्ली के पूर्व CM मनीष सिसोदिया को भी शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार गिरफ्तार किया गया था। भ्रष्टाचार के मामले में 26 फरवरी 2023 को उनकी गिरफ्तारी हुई थी। ईडी ने सीबीआई के FIR से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनको 9 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया था। उन पर साल 2021-22 में शराब व्यापारियों को लाइसेंस और टेंडर के जरिए फायदा पहुंचाने का आरोप लगा था। लंबी सुनवाई के बाद 9 अगस्त 2024 को उनको सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
के. कविता
तेलंगाना के पूर्व सीएम की बेटी के. कविता को ईडी ने दिल्ली शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया था। पहले उनके घर पर रेड हुई, उनको हिरासत में लिया गया और बाद में गिरफ्तार किया गया। के कविता को भी उसी मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई थी। के कविता पर आरोप है की दिल्ली की उत्पाद शुल्क नीति (excise policy) तैयार करने में केजरीवाल सरकार के मंत्रियों और अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश रची थी। कविता पर दिल्ली में रिश्वत के तौर पर 100 करोड़ रुपए भेजने का भी आरोप लगा। ED ने 15 मार्च 2024 को उनको गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया था और फिर 27 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उनको जमानत दे दी गई।
संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह पर भी दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में षड्यंत्र रचने का आरोप लगा था.ईडी ने उनको पीएमएलए के तहत आरोपी बनाया था.उन पर बिचौलिए दिनेश अरोड़ा के जरिए 2 करोड़ रुपए जुटाने का आरोप लगा था.इस मामले में 4 अक्तूबर 2023 को संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया था. अप्रैल 2024 में सुप्रीम कोर्ट से उनको जमानत मिल गई थी.
विजय नायर
आम आदमी पार्टी के पूर्व कम्युनिकेशन इंचार्ज और सिसोदिया के करीबी विजय नायर को सीबीआई ने सबसे पहले 27 सितंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। उसके बाद नवंबर में उनको ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। नायर पर शराब नीति प्रोविजन में बदलाव करने का आरोप लगा था। उनको शराब के ठेकों के लाइसेंस के आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले में संलिप्तता और षडयंत्र के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर साउथ ग्रुप से हवाले के जरिए 20-30 करोड़ के लेनदेन का भी आरोप लगा था। 3 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने उनको जमानत दे दी थी।
अरुण पिल्लई
अरुण पिल्लई हैदराबाद बेस्ड बिजनेसमैन हैं। 6 मार्च 2023 को ईडी ने उनको गिरफ्तार किया था। उन पर शराब नीति मामले में साउथ ग्रुप के साथ मीटिंग करने का आरोप था। उनको के कविता का करीबी माना जाता है। कहा गया था कि जांच के दौरान उन्होंने गलत बयान दिए और सबूत नष्ट किए हैं। पिल्लई पर शराब कंपनी इंडोस्पिरिट के मैनेजिंग डायरेक्टर समीर महेन्द्रू से रिश्वत लेने और यह पैसा बाद में अन्य लोगों को देने का भी आरोप लगा था। सीबीआई ने भी उन पर केस दर्ज कर रखा, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था। उसके बाद 11 सितंबर 2024 को दिल्ली हाई कोर्ट ने उनको जमानत दे दी।
शरथ रेड्डी
शरथ रेड्डी को ईडी ने 10 नवंबर 2022 को शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। उनके ऊपर 5 रिटेल जोन को कंट्रोल करने का आरोप लगाया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 8 मई 2023 को उनको जमानत दे दी और बाद में वह ईडी के गवाह बन गए और केजरीवाल की गिरफ्तारी मामले में उन्होंने गवाही दी थी।
दिनेश अरोड़ा
दिनेश अरोड़ा दिल्ली के बिजनेसमैन हैं। उनको मनीष सिसोदिया का काफी करीबी माना जाता है। वह शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार होने वाले सबसे पहले आरोपियों में शामिल हैं। अगस्त 2022 में वह सरकार के गवाह बन गए थे। आरोप है कि दिनेश ने संजय सिंह के कहने पर दिल्ली चुनाव के लिए फंड जुटाया और 32 लाख का चेक सिसोदिया को दिया था। 6 जुलाई 2023 को ईडी ने उनको गिरफ्तार किया लेकिन सरकारी गवाह बनते ही एक महीने बाद ही उनको जमानत मिल गई थी।
राघव मगुंटा
श्री निवासुलु के बेटे राघव मगुंटा को दिल्ली शराब नीति मामले में 10 फरवरी 2023 को ईडी ने गिरफ्तार किया था। वह साउथ ग्रुप के सदस्य भी हैं। उन पर शराब नीति के घोटाले की योजना बनाने और इस योजना से बड़ा फायदा लेने का आरोप है। उन पर 192.8 करोड़ रुपए जुटाने का आरोप लगा था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 10 अगस्त 2023 को उनको जमानत दे दी थी।
समीर महेंद्रू
समीर महेंद्रू चर्चित शराब कारोबारियों में शामिल हैं। वह इंडोस्पिरिट कंपनी के डायरेक्टर हैं। दिल्ली शराब घोटाला मामले में भी उनका नाम सामने आया था। 7 सितंबर 2022 को पहले सीबीआई और उसके बाद ईडी ने उनको गिरफ्तार किया थाव्। उन पर शराब लाइसेंस के बदले आम आदमी पार्टी को 4.5 करोड़ रुपए की घूस देने का आरोप था। ईडी ने पीएमएलए (PMLA) के तहत उन पर केस दर्ज किया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 9 सितंबर 2024 को उनको बेल दे दी थी।
अभिषेक बोइनपल्ली
अभिषेक बोइनपल्ली को अरुण पिल्लई का करीबी हैं। सीबीआई ने उन्हें 10 अक्तूबर 2022 को गिरफ्तार किया था। वहीं ईडी ने 14 नवंबर को इसी मामले में उनको गिरफ्तार किया था। शराब नीति का फायदा लेने के लिए साउथ ग्रुप के साथ काम करने का आरोप अभिषेक पर लगा था। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भी उनको आरोपी बनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च 2024 को उनको अंतरिम जमानत दे दी थी।