हेलीकॉप्टर की लैंडिंग वाली जगह पर भारतीय वायु सेना की रिकवरी टीम पहुंच गई है। हेलीकॉप्टर को वापस उड़ाने के लिए तकनीकी दिक्कत को दूर किया जा रहा है। भारतीय वायु सेना ने इस घटनाक्रम की जांच कर रही है। गौरतलब है कि चिनूक हेलीकॉप्टर में कई बार आग लगने की घटनाएं होने के बाद अमरीका ने इसे अपने बेड़े से हटा दिया है। बोइंग के भारत प्रमुख सलिल हप्ते ने कहा कि भारतीय वायु सेना के चिनूक में ऐसी कोई समस्या नहीं है।
भारत ने अमरीका से 15 सीएच-47 चिनूक हेलीकॉप्टर मंगाए हैं। यह लद्दाख और सियाचिन जैसे इलाके में तैनात किए गए हैं। यह एम 777 तोप भी ले जाने में सक्षम हैं। यह भारतीय सैन्यबलों को एयरलिफ्ट करने में मदद करते हैं। भारत को फरवरी 2019 में पहला चिनूक हेलीकॉप्टर का बैच मिला था।
चिनूक हेलीकॉप्टर: CH-47 Chinook Helicopter 315 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दौड़ने वाला दुनिया का सबसे तेज परिवहन हेलीकॉप्टर है। इसकी चौड़ाई 12.5 और ऊंचाई 18.11 फीट होती है। यह दो पंखों वाला हेलीकॉप्टर है। इसमें दो पायलट के साथ तीन सदस्यीय क्रू संचालित करता है। इसकी रेंज 780 किलोमीटर तक है। इसे भारी परिवहन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।