‘भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए एक स्वर्णिम दिन’
अमित शाह ने कहा, ‘आज भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए एक स्वर्णिम दिन है, क्योंकि आज के दिन चंडीगढ़ तीनों नए आपराधिक कानूनों को पूरी तरह से लागू करने वाली पहली इकाई बन गई है। पुलिस, जेल, न्यायपालिका, अभियोजन और फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL), ये सभी नए कानूनों को पूरी तरह से लागू करने के लिए काम कर रहे हैं। पिछले आपराधिक कानून, अर्थात् भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) और साक्ष्य अधिनियम केवल अंग्रेजों की सुरक्षा के लिए थे।’
‘सजा के लिए नहीं बल्कि न्याय के लिए बने नए कानून’
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, ‘पहले के कानून 160 साल पुराने थे। वे ब्रिटिश संसद में बनाए गए थे, वे ब्रिटिश शासन की रक्षा के लिए थे, आम लोगों के लिए नहीं। पीएम मोदी ने जो कानून बनाए हैं, वे भारतीयों द्वारा बनाए गए हैं। इन कानूनों में सजा के लिए कोई जगह नहीं है, बल्कि न्याय के लिए है। इसे तीन साल के भीतर पूरे देश में लागू किया जाएगा।’