डाबर ग्रुप ने किया इंकार
वहीं, इस घोटाले में नाम सामने आने के बाद डाबर के प्रवक्ता ने बयान जारी करते हुए कहा, ‘हमें ऐसी किसी भी FIR के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।
यदि यह जानकारी वास्तव में सही है तो यह दुर्भावनापूर्ण इरादे से प्रेरित लगती है, जो बिना किसी सबूत के है। हम इन आरोपों को खारिज करते हैं। हमें विश्वास है कि कानूनी प्रक्रिया हमारी रेपुटेशन को धूमिल करने के इस प्रयास की असली वजह को उजागर करेगी।’
सामाजिक कार्यकर्ता ने दर्ज कराई थी शिकायत
इस मामले में पहली शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश बनकर ने माटुंगा पुलिस में दर्ज कराई थी, इसमें दावा किया गया था कि सट्टेबाजी ऐप के जरिए हजारों लोगों से 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की गई है। इसके बाद माटुंगा पुलिस ने IPC, जुआ अधिनियम, आईटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं को लागू करते हुए एफआईआर दर्ज की है और आगे की जांच जारी है।
हालांकि कई नाम सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही, महादेव ऐप की राजनेताओं, ग्लैमर हस्तियों और अब यहां तक कि कॉरपोरेट्स के बीच व्यापक प्रभाव के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भी जांच की जा रही है, इससे इन क्षेत्रों में झटका लगा है।
CM भूपेश बघेल का भी नाम शामिल
बता दें कि इस घोटाले की जांच में फिल्मी हस्तियों के अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी नाम सामने आया था। हालांकि उन्होंने इस घोटाले में किसी भी तरह से शामिल होने के आरोप में पूरे तरीके से इंकार कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि विधानसभा चुनाव में फायदा उठाने के लिए इस घोटाले में उनका नाम शामिल किया गया है।
ईडी ने दावा किया था कि महादेव ऐप ने कथित तौर पर भूपेश बघेल को 500 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है। वहीं, केंद्र सरकार ने ईडी की याचिका पर कार्रवाई करते हुए, महादेव ऐप सहित 22 अवैध सट्टेबाजी साइटों को ब्लॉक कर दिया था, जिसे भिलाई स्थित सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल और अन्य लोगों द्वारा चलाया जा रहा था।
प्रधानमंत्री ने पूछा दिल्ली दरबार में कितना गया
वहीं, छत्तीसगढ़ के मुंगेल में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए कहा था कि जिस कांग्रेस को गणित सिखाने का इतना शौक है, उनसे मेरे कुछ सवाल हैं- कांग्रेस के इन गणितबाजों को बताना होगा कि मुख्यमंत्री को महादेव सट्टेबाजी घोटाले में से कितना पैसा मिला कांग्रेस के बाकी नेताओं के हिस्से में कितना माल आया? दिल्ली दरबार तक इसमें से कितना पैसा पहुंचा?