3700 से अधिक लोगों को ठगा
तौसीफ रियाज की यह गिरफ्तारी टोरेस ज्वैलरी की धोखाधड़ी वाली निवेश योजना की चल रही जांच के बीच हुई है, जिससे 3700 से अधिक लोगों के साथ ठगी हुई है। बता दें कि टोरेस पोंजी घोटाला दिसंबर 2024 में सामने आया था, जब कंपनी द्वारा वादा किए गए भुगतान करना बंद करने के बाद सैकड़ों लोग मुंबई के दादर स्थित टोरेस वास्तु केंद्र पर इकट्ठा हुए थे।
रियाज के खिलाफ अधिकारियों ने LOC जारी किया था
तौसीफ रियाज ने दावा किया था कि उसने ही प्रवर्तन निदेशायलय को टोरेस पोंजी स्कीम के बारे में सूचना दी थी। लेकिन इन दावों के बाद भी वह कई हफ्तों से गिरफ्तारी से बच रहा था। अधिकारियों ने उसके खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया था।
शुक्रवार को 21 करोड़ से अधिक की राशि की जब्त
ईडी ने शुक्रवार को टोरेस धोखाधड़ी की अपनी चल रही जांच के तहत बैंक जमा में 21 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भी जब्त कर ली। ईडी ने 23 जनवरी को मुंबई और जयपुर में 10 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें टोरेस ज्वैलरी के प्रमोटरों से जुड़ी संपत्तियों को निशाना बनाया गया। जांचकर्ताओं ने संकेत दिया है कि पोंजी योजना में वित्तीय हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग का एक जटिल नेटवर्क शामिल था।
क्या है टोरेस पोंजी घोटाला
टोरेस पोंजी घोटाला (Torres Ponzi Scam) वह है जिसमें धोखाधड़ीपूर्ण निवेश रणनीतियां शामिल थीं। पुलिस के अनुसार आभूषण ब्रांड ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बहु-स्तरीय विपणन रणनीति और भ्रामक विज्ञापन का इस्तेमाल किया। कंपनी के प्रमोटरों ने आकर्षक रिटर्न का वादा किया लेकिन देने में विफल रहे, जिसके परिणामस्वरूप इसमें शामिल लोगों के लिए वित्तीय बर्बादी हुई।