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कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए बनेगा पोर्टल, Supreme Court को केंद्र सरकार ने दी जानकारी

Coronavirus महामारी की चपेट में आकर देश में कई लोगों ने अपनी जान गंवाईं। ऐसे लोगों के परिजनों को केंद्र सरकार ने सितंबर के महीने में 50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की बात कही थी। इस मुआवजे को लेकर अब सरकार एक ऑनलाइन पोर्टल बनाएगी, इस पोर्टल के जरिए लोग अपना दावा पेश कर सकेंगे। केंद्र ने ये जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी है

Nov 29, 2021 / 02:29 pm

धीरज शर्मा

Supreme Court
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) जैसी घातक बीमारी से जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवजे के फैसले के बाद एक और बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल इस संबंध में केंद्र सरकार ( Central Government ) ने सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) को एक अहम जानकारी दी है। केंद्र की मोदी सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया है कि कोरोना मृतकों के परिजनों को मुआवजे के लिए एक ऑलाइन पोर्टल तैयार किया जाएगा।
इस पोर्टल का फायदा यह होगा कि इसके जरिए कोविड-19 ( Covid-19 ) से जान गंवाने वाले मरीजों के परिजान मुआवजे के लिए दावा कर सकेंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को मुआवजे की योजना के प्रचार को तेज करने की सलाह दी है।
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देश की सर्वोच्च अदालत को केंद्र सरकार को कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले परिजनों को मुआवजा देने संबंधी अहम जानकारी दी है। सोमवार को सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया है कि जल्द ही मुआवजे के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार होगा, जिसमें दावेदार अपना दावा कर सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक ऐसा सिस्टम तैयार होना चाहिए, जहां पर लोग मुआवजे के लिए ऑनलाइन दावा कर सकें। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना समेत कई राज्यों को नोटिस जारी कर इससे संबंधित हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
यही नहीं शीर्ष अदालत ने कहा कि लोगों को पता ही नहीं है कि अधिकारी कौन है? इसलिए आपको मुआवजे के लिए पोर्टल बनाना चाहिए।

मुआवजे के लिए ऑनलाइन व्यवस्था होगी, तो लाभार्थियों की संख्या भी बढ़ेगी। ऐसे में लाभार्थियों को संबंधित अधिकारी के पास पहुंचने में भी दिक्कतें आ सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बहुत से लोग हैं, जिन्होंने कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी की वजह से अपनों को खो दिया। ऐसे लोगों को अभी भी मुआवजे की योजना के बारे में जानकारी नहीं है। ऐसे में सरकारों को व्यापक प्रचार करना चाहिए।
ग्रामीणों को आती हैं कई दिक्कतें
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में भी कई लोगों ने अपनो खोया है। लेकिन यहां लोगों के लिए मुख्यालय तक पहुंचकर योजना का लाभ लेना काफी मुश्किल है। इसके अलावा बिचौलियों को भी डर बना रहता है। ऐसे में इन लोगों का भी सोचना होगा।
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इन समस्याओं का भी हो समाधान
कोर्ट ने कहा कि ऑनलाइन पोर्टल के साथ भी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं उन पर भी विचार हो।
– जैसे केरल ने ऑनलाइन पोर्टल बनाया है, लेकिन नाबालिग कैसे उस पर आवेदन करेगा और उनका क्या जिन्होंने माता पिता दोनों को खोया है।
– एक बात बहुत ही चौंकाने वाली बात यह है कि आंध्र प्रदेश ने एक समिति बनाई है, जबकि हम इसके खिलाफ थे।
– गुजरात में चौंकाने वाली बात ये है कि लाभार्थियों की संख्या कम है।
– SC ने नाराजगी जताते हुए कहा कि असम, बिहार, चंडीगढ़, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, झारखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा ने मुआवजे को लेकर उचित जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई। जो चिंता जनक है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने सितंबर में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कोरोना से जान गंवाने वाले के परिजनों को 50 हजार रुपए का मुआवजा सरकार की ओर से दिया जाएगा।

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