भारत के कई हिस्सों में पिछले बीते कुछ महीनों में लंबी बीमारी और लंबे समय तक खांसी के साथ इन्फ्लूएंजा के मामलें तेजी से बढ़ रह है। कोरोना वायरस से जूझने के बाद अब इन मामलों में वृद्धि ने आम जनता के बीच एक डर पैदा कर दिया है। इस वायरस का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों में देखा जा रहा है। साथ ही 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग जिनकी इम्यूनिटी कम हो जाती है या फिर वो डायबिटीज, अस्थमा या हृदय रोग के शिकार होते हैं।
आईएमए ने कहा कि मौसमी बुखार 5 से 7 दिनों तक रह सकती है। आजकल मौसमी बुखार और खांसी काफी फैल रही है। बीते कुछ महीनों से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आईएमए की समिति ने कहा कि बुखार 3 दिन में भी खत्म हो सकता है, लेकिन खांसी 3 हफ्ते तक बरकरार रह सकती है। H3N2 वायरस अन्य उपप्रकारों की तुलना में अधिक अस्पताल में भर्ती होने का कारण बनता है। जानकारों का कहना है कि पिछले दो-तीन महीनों से यह पूरे भारत में व्यापक रूप से प्रचलन में है।
— खांसी
— जी मिचलाना
— उल्टी करना
— गला खराब होना
— शरीर में दर्द
— दस्त
— अपने हाथों को पानी और साबुन से धोएं नियमित रूप से धोएं।
— फेस मास्क पहनें और भीड़ भरी जगहों में जाने से बचें।
— अपनी नाक और मुंह को छूने से बचें।
— खांसी और छींकते समय अपनी नाक और मुंह को ठीक से कवर करें।
— हाइड्रेटेड रहें और बहुत सारे तरल पदार्थों का सेवन करें।
— बुखार और सिर दर्द के मामले में, पेरासिटामोल लें।
— हाथ मिलाने से बचें।
— सार्वजनिक जगहों पर न थूकें।
— दूसरों के करीब बैठकर न खाएं।