ICICI बैंक धोखाधड़ी मामले क्या है जानें? मामला यह है कि, ICICI बैंक और वीडियोकॉन के शेयर होल्डर अरविंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री, रिजर्व बैंक और सेबी को पत्र लिखकर वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और ICICI की सीईओ व एमडी चंदा कोचर पर एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था। इस पत्र में दावा किया गया है कि, धूत की कंपनी वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपए का लोन दिया गया और इसके बदले धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की वैकल्पिक ऊर्जा कंपनी ‘नूपावर’ में अपना पैसा निवेश किया। आरोप है कि इस तरह चंदा कोचर ने अपने पति की कंपनी के लिए वेणुगोपाल धूत को लाभ पहुंचाया। साल 2018 में यह खुलासा होने के बाद चंदा कोचर को बैंक से इस्तीफा देना पड़ा था।
सीबीआई ने 2018 में दर्ज की थी पीई इस मामले में सीबीआई सक्रिय हो गई। और फरवरी, 2018 में सबसे पहले प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी। साल 2019 में आईसीआईसीआई की पूर्व सीईओ और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर के खिलाफ आरोपों की जांच कर रही जस्टिस बी.एन. श्रीकृष्णा समिति की रिपोर्ट ने अपनी जांच में पाया कि चंदा कोचर ने बैंक की आचार संहिता का उल्लंघन किया है।