गैंगस्टर से आंतकी तक तार
अर्शदीप पंजाब में मोगा के डल्ला गांव का रहने वाला है। डल्ला गांव की वजह से ही इसका नाम अर्श डल्ला पड़ गया। जनवरी 2022 में अर्श डल्ला और हरदीप सिंह निज्जर ने चार सदस्यों वाला केटीएफ मॉड्यूल स्थापित किया था। इसका मकसद था ग्रेनेड हमलों को देश में अंजाम देना। इस मॉडयूल में में गैंगस्टर बिक्रम बराड़ और गोल्डी बराड़ भी शामिल रहे।
भारत के रिश्ते हो गए थे खराब
गौरतलब है कि पिछले दिनों खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा और भारत के रिश्ते काफी तल्ख हो गए थे। कनाडा ने भारतीय एजेंसियों पर हत्या करने का आरोप लगाया था। इसके बाद अमरीका में इस तरह की शिकायत देखने को मिली थी। भारत और कनाडा के राजनायिक रिश्ते भी खराब हो गए थे। यह आतंकी भी खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर से जुड़ा हुआ था।
मई में जारी किया था नोटिस
र्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इसमें अर्श डल्ला के प्रत्यर्पण का भी अनुरोध किया गया था। इसके साथ ही अनुरोध भेजने के साथ कनाडा के अधिकारियों से पत्र के माध्यम से एक संचार भी प्राप्त हुआ है। अब आरोपी प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एनआईए के अनुरोध पर आरोपी के प्रत्यर्पण की याचिका पर आधिकारिक मुहर लगा दी है।
रेड कॉर्नर नोटिस
एनआईए की विशेष कोर्ट ने कहा कि आरोपी अर्श डल्ला के खिलाफ एनआईए ने अपराधी के प्रत्यर्पण की मांग की थी। उसके खिलाफ 31 मई 2022 इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। आरोपी के प्रत्यर्पण अनुरोध भेजने के साथ कनाडा के अधिकारियों से पत्र के माध्यम से एक संचार भी प्राप्त हुआ है। उक्त परिस्थितियों में एनआईए के अनुरोध पर आरोपी के प्रत्यर्पण की याचिका पर आधिकारिक मुहर लगा दी है।