बगैर मायावती इंडिया गठबंधन बेमानी
बसपा के टिकट पर 2019 में अमरोहा से सांसद चुने गए मलूक नागर पार्टी प्रमुख के करीबी माने जाते हैं। बुधवार को न्यूज एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन सचमुच बीजेपी को हराना चाहती है तो उसे मायावती को इंडिया गठबंधन का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाना होगा अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर मोदी को रोकना किसी गठबंधन के बूते का नहीं है। बगैर मायावती को साथ लिए इंडिया गठबंधन बेमानी है। बता दें कि बसपा प्रमुख इन दिनों कैडर के दबाव में दिल्ली में हैं। विपक्षी पार्टियां अब उनको बीजेपी की बी टीम कहने लगी है।
मायावती के साथ लेने पर ही हारेगी BJP
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बसपा सांसद मलूक नागर ने दावा किया कि बसपा के पास पूरे देश में करीब 13 फीसदी वोट है, जो विपक्ष के संयुक्त 37-38 फीसदी वोट में अगर जुड़ जाता है तो निर्णायक बढ़त दे सकता है, जो यूपी में बीजेपी के 44 फीसदी से काफी ज्यादा है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि बसपा प्रमुख को प्रधानमंत्री का चेहरा इंडिया गठबंधन द्वारा बना जाए।
2014 मेंं 0 तो 19 में जीती थी 10 सीटें
बता दें कि बसपा 2014 केे लोकसभा चुनाव में पूरे देश में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। उत्तर प्रदेश में 4 बार सरकार बना चुकी बसपा के लिए ये किसी बड़े झटके से कम नहीं था। इसके बाद 2019 के चुनाव में पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया और 0 से 10 सीटों पर पहुंच गई। हालांकि ये गठबंधन भी ज्यादा दिन नहीं चला और 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ही टूट गया। वहीं, 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा 403 में से महज एक सीट ही जीत पाई।
मायावती इन अखिलेश आउट
सूत्रों के मुताबकि समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नेताओं से साफ तौर पर कह दिया है कि अगर कांग्रेस गठबंधन में बसपा को शामिल करना चाहती है तो वह साफ कर दे क्योंकि तब समाजवादी पार्टी को भी अपना स्टैंड इस गठबंधन को लेकर साफ करना पड़ेगा। अखिलेश यादव ने पिछली बार हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में कांग्रेस से इसको लेकर रुख स्पष्ट करने के लिए भी कहा था, जिस पर कांग्रेस ने कहा था कि ऐसा कोई विचार नहीं है। इसके अलावा आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने भी बीएसपी को लेकर कहा था, हम बीएसपी से बात नहीं कर रहे हैं।