इस विरोध मार्च में PFI के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमा अब्दुल सलाम भी मौजूद थे। इस वीडियो को लेकर हिंदू संगठनों का आरोप है कि ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ अब नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल मुस्लिम समाज को भड़काने और देश का माहौल खराब करने के लिए कर रहा है। इस वीडियो में एक छोटा बच्चा अपने पिता के कंधे पर बैठकर नारे लगाता नजर आ रहा है। इस वीडियो में वह यह कहता नजर आया, “‘हम एक दिन बाबरी और ज्ञानवापिया दोनों में सजदा जरूर करेंगे, इंशाअल्लाह। संघियों, तुम यह बात समझते हो।”
बच्चा आगे कहता है, “हिंदुओं को अपने अंतिम संस्कार के लिए चावल रखना चाहिए और ईसाइयों को अपने अंतिम संस्कार के लिए सुगंधित धूप, अगरबत्ती रखना चाहिए। अगर आप शालीनता से रहते हैं तो आप हमारी भूमि में रह सकते हैं और यदि अच्छे से नहीं रहते हैं तो हम आजादी जानते हैं। शालीनता से जियो।”
इसके आगे बच्चे ने कहा, “ना हम पाकिस्तान जाएंगे और न ही बांग्लादेश जाएंगे, इसी देश की 6 फीट जमीन में दफन होंगे। लेकिन संघियों तुम ये याद रखना, हम मिटने से पहले तुम्हें मिटाकर जाएंगे। अपने घर पर चावल, फूल और अंतिम संस्कार के सारे समान का इंतजाम करके रखो, कुछ भी मत भूलना, कुछ भी मत भूलना, तुम्हारा काल बनकर हम तुम्हारे पास आ रहे हैं।”
इस विरोध मार्च को लेकर हिंदू संगठनों का कहना है की रैली के दौरान केरल पुलिस वहां मौजूद थी, लेकिन उन्होंने और न ही PFI के नेताओं ने बच्चे को ऐसा करने से रोका। दूसरी तरफ PFI के अधिकारियों का कहना है की इस रैली के लिए उन्होंने अधिकृत नारे तय कर रखे थे, ये नारा उनमें से नहीं था। रैली में कई शहरों के लोग शामिल हुए थे। जब कार्यकर्ताओं ने यह नारा सुना तो उसे लगाने से रोका गया। मामले की आगे जांच जारी है।
तो वहीं अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा, “मामले में कठोर कार्रवाई होना चाहिए। यह संज्ञेय अपराध है। बच्चों से नारेबाजी कराना बाल श्रम कानून के खिलाफ है। हम संबंधित जिला कलेक्टर को मामले में FIR दायर करने के लिए पत्र लिख रहे हैं।”