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NDA की हालत फिर खस्ता, BJP ने पहले लोकसभा में गंवाया बहुमत, अब राज्यसभा में भी लगा तगड़ा झटका

NDA strength reduced in Rajya Sabha: राज्यसभा में फिलहाल सदस्यों की कुल संख्या 226 है। इनमें भाजपा के 86, कांग्रेस के 26 और तृणमूल कांग्रेस के 13 सदस्य हैं। वर्तमान में 19 पद रिक्त हैं।

नई दिल्लीJul 16, 2024 / 03:00 pm

Prashant Tiwari

पहले लोकसभा चुनाव में बहुमत गंवाने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी को राज्यसभा में भी तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, BJP के 4 सांसदों का कार्यकाल 13 जुलाई को समाप्त हो गया। इसके बाद केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी की सीटें उच्चसदन में 90 से घटकर 86 रह गई है। यही नहीं NDA की संख्या भी 101 सीटों पर आ गई है। जो कि बहुमत से काफी कम है। राज्यसभा में फिलहाल 226 सदस्य हैं। 19 सीटें अभी खाली हैं। 
ये सांसद हुए हैं रिटायर

मनोनीत सदस्य जो सेवानिवृत्त हुए हैं उनमें राकेश सिन्हा, राम शकल, सोनल मानसिंह और महेश जेठमलानी शामिल हैं। राज्यसभा में मनोनीत होने के बाद इन नेताओं ने औपचारिक रूप से बीजेपी का साथ दिया था। इन सदस्यों के रिटायरमेंट के बाद माना जा रहा है कि बीजेपी को महत्वूर्ण बिल सदन से पास कराने में दिक्कत हो सकती है। लेकिन बीजेपी को अपने सहयोगियों पर भरोसा है और मनोनीत सदस्यों की जल्द भरपाई भी की जा सकती है।
BJP lost majority in Lok Sabha elections now NDA strength reduced in Rajya Sabha
उपचुनाव के बाद और मजबूत होगी BJP

फिलहाल राज्यसभा में भले ही बीजेपी की सीटें कम हो गई हैं, लेकिन मौजूदा रिक्तियों को भरने के लिए होने वाले उपचुनाव के बाद भाजपा और उसके सहयोगी दल ना सिर्फ हालिया नुकसान की भरपाई कर सकेंगे बल्कि अपनी स्थिति को और भी मजबूत कर लेंगे। NDA को बिहार, महाराष्ट्र और असम में दो-दो सीटें वहीं हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा में उसे एक-एक सीट जीतने का भरोसा है।
सत्ता पक्ष के साथ होते हैं मनोनीत सदस्य

सरकार की ओर से चार नए सदस्यों को मनोनीत भी किया जाना अभी बाकी है। आम तौर पर मनोनीत सदस्य सत्ता पक्ष के साथ होते हैं। हालांकि किसी भी पार्टी से खुद को संबद्ध करने या ना करने को लेकर वे स्वतंत्र होते हैं। वे पारंपरिक रूप से उस सरकार के एजेंडे का समर्थन करते हैं जो उन्हें मनोनीत करती है।
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राज्यसभा में पार्टियों की क्या है स्थिति

राज्यसभा में फिलहाल सदस्यों की कुल संख्या 226 है। इनमें भाजपा के 86, कांग्रेस के 26 और तृणमूल कांग्रेस के 13 सदस्य हैं। वर्तमान में 19 पद रिक्त हैं। कुल 245 सदस्यीय राज्यसभा में 19 सीटें खाली हैं। इनमें से चार जम्मू एवं कश्मीर से हैं। इस पूर्ववर्ती राज्य को 2019 में केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। अभी वहां विधानसभा का गठन नहीं हुआ है।
राज्यसभा में 19 सीटें अभी खाली

राज्यसभा में जो 19 सीटें अभी खाली हैं उनमें जम्मू-कश्मीर से 4 और नामित सदस्यों की 4 सीटें हैं। वहीं, बाकी की 11 सीटें अलग-अलग राज्यों से हैं जिसमें असम, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश,राजस्थान और त्रिपुरा का नाम शामिल है। इनमें से कई सीटें राज्यसभा सांसदों के लोकसभा चुनाव लड़ने और जीतने के कारण खाली हुई हैं।
BJP lost majority in Lok Sabha elections now NDA strength reduced in Rajya Sabha
चुनाव आयोग ने अब तक तारीखों का नहीं किया ऐलान

चुनाव आयोग (ईसी) ने अभी तक सदस्यों के इस्तीफे से रिक्त हुई 11 सीटों को भरने के लिए चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की है। बता दें कि संसद के उच्‍च सदन राज्‍य सभा में अधिकाधिक 250 सदस्‍य हो सकते हैं। इनमें 238 सदस्‍य राज्‍यों तथा संघ राज्‍य क्षेत्रों के प्रतिनिधि हो सकते हैं और 12 सदस्‍यों को देश के राष्‍ट्रपति द्वारा नामांकित किया जाता है।
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तेलंगाना में कांग्रेस तो राजस्थान में बीजेपी को जीत का भरोसा 

सत्तारूढ़ कांग्रेस तेलंगाना में एकमात्र सीट पर होने वाले उपचुनाव को जीतने की कोशिश में हैं। यह सीट भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के के केशव राव के इस्तीफे से खाली हुई है। राव अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। तेलंगाना में भले ही वह यह सीट जीत जाए लेकिन राजस्थान में उसका एक सीट गंवाना लगभग सुनिश्चित है क्योंकि यहां भाजपा के पास मजबूत बहुमत है। कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य के सी वेणुगोपाल के केरल में अलाप्पुझा से लोकसभा चुनाव जीतने के कारण राज्यसभा में राजस्थान की यह सीट खाली हुई है।
हरियाणा में दगाबाजों के सहारे कांग्रेस 

वहीं, बीजेपी को हरियाणा में एकमात्र सीट जीतने का भी भरोसा है जहां राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण खाली हुई सीट को भरने के लिए चुनाव होने हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि उसे कुछ स्वतंत्र या क्षेत्रीय दलों से संबद्ध विधायकों का समर्थन मिल सकता है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक विकल्प की तलाश कर रहे कुछ विधायक पाला बदल सकते हैं और इस बदौलत वह राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर दे सकती है. निर्वाचन आयोग ने अभी तक 11 सदस्यों के इस्तीफे से रिक्त हुई 11 सीटों को भरने के लिए चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की है. इनमें से 10 सदस्य लोकसभा के लिए चुने गए हैं जबकि बीआरएस के केशव राव ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद इस्तीफा दे दिया।

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