टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड मुथैया मुरलीधरन (800) के नाम है। उसके बाद शेन वार्न (708) का नंबर आता है। क्रिकेट में आज भी टेस्ट मैचों के रिकॉर्ड के आधार पर खिलाड़ी का महानता का आकलन किया जाता है। संन्यास लेने के बाद भी खिलाड़ियों के करियर को काफी हद तक आंकड़ों के जरिए ही समझा जाता है। जब कोई खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट में लंबा करियर बनाता है तो उस दौरान बनने वाले रिकॉर्ड पर फैंस और क्रिकेट पंडितों की भी नजरें रहती हैं। लेकिन टॉप टेस्ट गेंदबाजों में चार ऐसे बॉलर हैं, जिन्होंने संन्यास लेते हुए उन बड़े रिकॉर्ड की परवाह नहीं की, जो बाद में उनकी और बड़ी पहचान बन सकते थे।
जेम्स एंडरसन ने 704 विकेट के साथ खत्म किया टेस्ट करियर इस मामले में ताजा उदाहरण जेम्स एंडरसन का है, जिन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट मैच में चार विकेट लेने के बाद संन्यास ले लिया। एंडरसन ने 704 विकेट के साथ टेस्ट करियर समाप्त किया, अगर वे 5 और विकेट लेने के लिए खेलते तो आराम से शेन वार्न का रिकॉर्ड तोड़ सकते थे। एंडरसन तब दुनिया में सर्वाधिक विकेट लेने वाले नंबर दो टेस्ट गेंदबाज कहलाते, पर उन्होंने इस रिकॉर्ड की परवाह नहीं की।
स्टुअर्ट ब्रॉड तोड़ सकते थे अनिल कुंबले का रिकॉर्ड एंडरसन के साथी स्टुअर्ट ब्रॉड ने भी साल 2023 में एशेज सीरीज के 5वें मुकाबले के बाद संन्यास की घोषणा कर दी थी। ब्रॉड तब 604 विकेट ले चुके थे और उनके सामने तोड़ने के लिए अनिल कुंबले का रिकॉर्ड था, जिन्होंने 619 टेस्ट विकेट लिए हैं। ब्रॉड ने इस रिकॉर्ड का पीछा नहीं किया और वे इस समय सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने के मामले में कुंबले के नीचे पांचवें स्थान पर हैं।
कपिल देव का रिकॉर्ड को तोड़ने से केवल 2 विकेट दूर थे रंगाना हेराथ श्रीलंका के बाएं हाथ के स्पिनर रंगाना हेराथ के साथ भी ऐसा ही केस देखने के लिए मिला था, जब उन्होंने 433 टेस्ट विकेट लेने के बाद संन्यास की घोषणा कर दी थी। तब हेराथ कपिल देव के 434 विकेट के रिकॉर्ड को तोड़ने से केवल 2 विकेट दूर थे।
शॉन पोलाक ने भी नहीं तोड़ा कपिल देव का रिकॉर्ड ऐसे ही दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज शॉन पोलाक का मामला रहा। पोलाक ने जब क्रिकेट से संन्यास लिया तो उनके नाम 421 टेस्ट विकेट थे, और वे कपिल देव के विकेटों को टैली को पार कर सकते थे, पर उन्होंने ऐसा नहीं करना चुना। ये आंकड़े बताते हैं कि क्रिकेट में खिलाड़ी तब संन्यास लेता है, जब उसको लगता है कि अब ऐसा करने का सही वक्त आ गया है। एंडरसन ने भी अपने अंतिम टेस्ट मैच के दौरान कहा था कि वे रिकॉर्ड या माइलस्टोन के पीछे भागने की जगह, अपनी टीम की जीत में योगदान करके ज्यादा खुश रहेंगे।