बोधगया से इंटर एवं स्नातक की डिग्री हासिल
कहा जाता है कि उस समय बड़हिया में अपराध चरम पर था। इस कारण पिता ने गिरिराज सिंह को थोड़ा बड़ा होने पर उनकी बुआ के पास रहने के लिए भेज दिया था, जो उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के सदानंदपुर में रहती थीं। उन्होंने बिहार के मगध विश्वविद्यालय, बोधगया से इंटर एवं स्नातक की डिग्री हासिल की।पंप सेट की एजेंसी चलाते थे गिरिराज सिंह
बताया जाता है कि ग्रेजुएशन के बाद गिरिराज सिंह ने एक पंपसेट कंपनी की एजेंसी ली और बेगूसराय में काम शुरू किया। यहीं काम करने के दौरान गिरिराज सिंह की मुलाकात अपने दौर के कद्दावर नेता कैलाशपति मिश्र से हुई, जिसने उनकी जिंदगी बदल दी। इसी मुलाकात ने गिरिराज सिंह को दिल्ली पहुंचाया। यह भी पढ़ें
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कैलाशपति मिश्र से हुए प्रभावित
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, एक शादी समारोह में गिरिराज सिंह का सामना कैलाशपति मिश्र से हुआ। उन पर कैलाशपति मिश्र का काफी असर हुआ और उन्होंने राजनीति में आने का फैसला कर लिया। गिरिराज सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया। कुछ समय बाद वह बिहार की राजधानी पटना चले आए और भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) से जुड़ गए। गिरिराज सिंह ने बेगूसराय, समस्तीपुर और खगड़िया के संगठन प्रभारी के रूप में काम किया। इसके बाद साल 1990 में प्रदेश भाजयुमो की टीम में महासचिव का जिम्मा संभाल लिया। यह भी पढ़ें
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राजनीतिक यात्रा में कई पदों पर चुने
गिरिराज सिंह अपनी राजनीतिक यात्रा में कई पदों पर चुने गए। वह साल 2002 में बिहार विधान परिषद के लिए चुने गए। 2014 तक विधान परिषद के रूप में काम करते रहे। इस दौरान तत्कालीन बिहार सरकार के मंत्रिमंडल में भी शामिल रहे। इसके बाद गिरिराज सिंह ने लोकसभा की तरफ अपने कदम बढ़ाए।2014 में जीती नवादा लोकसभा सीट
उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार के नवादा सीट से जीत दर्ज की। इसके बाद 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी गिरिराज सिंह ने जीत का सिलसिला जारी रखा। आज गिरिराज सिंह केंद्रीय मंत्री के रूप में मोदी सरकार में शामिल हैं। यह भी पढ़ें