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Birthday Special: पंपिंग सेट की एजेंसी चलाने वाले गिरिराज सिंह कैसे बने पीएम मोदी के लाडले, आज है करोड़ों की संपत्ति

Birthday Special: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं।

नई दिल्लीSep 09, 2024 / 10:53 am

Shaitan Prajapat

Birthday Special: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। वह हर मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं। हाल ही में उन्होंने एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर एक बयान देकर सियासी पारा बढ़ा दिया। गिरिराज सिंह ने कहा, 1947 में मोहम्मद अली जिन्ना की तरह ओवैसी भारत का दूसरा बंटवारा करवाएंगे। असदुद्दीन ओवैसी कानून के खिलाफ बोलते हैं और भड़काने वाली बातें करते हैं। आज गिरिराज सिंह की चर्चा इसलिए, क्योंकि उनका जन्मदिन है। उनके बयान तो सुर्खियां बटोरते ही हैं, उनकी राजनीति में एंट्री भी दिलचस्प रही है। गिरिराज सिंह का जन्म 8 सितंबर 1952 को बिहार के लखीसराय जिले के बड़हिया में हुआ। उनकी शिक्षा और राजनीति की शुरुआती पाठशाला बेगूसराय की धरती ही रही। मौजूदा समय में गिरिराज सिंह यहीं से सांसद भी हैं।

बोधगया से इंटर एवं स्नातक की डिग्री हासिल

कहा जाता है कि उस समय बड़हिया में अपराध चरम पर था। इस कारण पिता ने गिरिराज सिंह को थोड़ा बड़ा होने पर उनकी बुआ के पास रहने के लिए भेज दिया था, जो उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के सदानंदपुर में रहती थीं। उन्होंने बिहार के मगध विश्वविद्यालय, बोधगया से इंटर एवं स्नातक की डिग्री हासिल की।

पंप सेट की एजेंसी चलाते थे गिरिराज सिंह

बताया जाता है कि ग्रेजुएशन के बाद गिरिराज सिंह ने एक पंपसेट कंपनी की एजेंसी ली और बेगूसराय में काम शुरू किया। यहीं काम करने के दौरान गिरिराज सिंह की मुलाकात अपने दौर के कद्दावर नेता कैलाशपति मिश्र से हुई, जिसने उनकी जिंदगी बदल दी। इसी मुलाकात ने गिरिराज सिंह को दिल्ली पहुंचाया।
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कैलाशपति मिश्र से हुए प्रभावित

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, एक शादी समारोह में गिरिराज सिंह का सामना कैलाशपति मिश्र से हुआ। उन पर कैलाशपति मिश्र का काफी असर हुआ और उन्होंने राजनीति में आने का फैसला कर लिया। गिरिराज सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया। कुछ समय बाद वह बिहार की राजधानी पटना चले आए और भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) से जुड़ गए। गिरिराज सिंह ने बेगूसराय, समस्तीपुर और खगड़िया के संगठन प्रभारी के रूप में काम किया। इसके बाद साल 1990 में प्रदेश भाजयुमो की टीम में महासचिव का जिम्मा संभाल लिया।
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राजनीतिक यात्रा में कई पदों पर चुने

गिरिराज सिंह अपनी राजनीतिक यात्रा में कई पदों पर चुने गए। वह साल 2002 में बिहार विधान परिषद के लिए चुने गए। 2014 तक विधान परिषद के रूप में काम करते रहे। इस दौरान तत्कालीन बिहार सरकार के मंत्रिमंडल में भी शामिल रहे। इसके बाद गिरिराज सिंह ने लोकसभा की तरफ अपने कदम बढ़ाए।

2014 में जीती नवादा लोकसभा सीट

उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार के नवादा सीट से जीत दर्ज की। इसके बाद 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी गिरिराज सिंह ने जीत का सिलसिला जारी रखा। आज गिरिराज सिंह केंद्रीय मंत्री के रूप में मोदी सरकार में शामिल हैं।
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खुद को किसान कहते हैं गिरिराज सिंह

राजनीतिक जानकार कहते हैं कि भले ही गिरिराज सिंह आज इतने आगे चले गए हैं, बेगूसराय उनके लिए हमेशा कर्मभूमि और उनकी राजनीति की जन्मभूमि रही है। अक्‍सर गिरिराज सिंह अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों से मिलते और उनकी समस्याओं का समाधान करते दिख जाते हैं। गिरिराज सिंह खुद को किसान कहते हैं और उनके रहन-सहन में इसकी झलक भी दिखती है।

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