कानून बनाने की वकालत करते हुए एक तरफ जहां केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा है कि सरकार जल्द इस कानून को लेकर आएगी। वहीं, बीजेपी के सहयोगी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर बिल्कुल अलग राय देते नजर आए। उन्होंने कहा कि कानून बना देने से कुछ नहीं होने वाला। बल्कि जरूरी यह है कि जनसंख्या पर नियंत्रण करने के लिए लड़कियों और महिलाओं को शिक्षित किया जाए।
उन्होंने कहा राज्य में महिलाओं को शिक्षित करने से ही यह संभव हो सका, तभी प्रजनन दर में खुद-ब-खुद कमी आएगी। प्रजनन दर को शिक्षा से ही नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा जनसंख्या नियंत्रण पर बिहार में लगातार काम किया। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रजनन दर में तीन फीसदी की कमी आई है।
उन्होंन चीन का हवाला देते हुए कहा, “चीन ने भी कानून बनाया था, लेकिन इसका क्या हश्र हुआ? मैंने चीन जाकर वहां का हाल देखा है. चीन में लंबे समय तक एक से दो बच्चों का प्रावधान किया गया था। कहीं-कहीं यह तीन है। कानून बनाने से कोई फायदा नहीं होगा। हमारा मानना है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए हमें लोगों को सहमत करना होगा, जागरूक करना होगा। बिहार गरीब राज्य है, यहां हम लोगों ने जनसंख्या दर 4.3 से घटा कर तीन कर दी है।”