पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘बीजेपी की राजनीतिक टीम, केजरीवाल की सोच को कैद नहीं कर सकती…क्योंकि AAP ही BJP को रोक सकती हैं।। सोच को कभी भी दबाया नहीं जा सकता’
वहीं दिल्ली कैबिनेट में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पत्रकारों को बताया कि “जिस तरह से पुलिस सीएम के घर के अंदर है और किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं है, सभी का फोन जब्त कर लिया गया है, उससे लगता है कि सीएम आवास पर छापा मारा गया है। ऐसा लगता है कि सीएम को गिरफ्तार करने की तैयारी है।”
इस मामले पर मंत्री आतिशी ने कहा, “यह स्पष्ट है कि ईडी और बीजेपी अदालतों का सम्मान नहीं करते हैं। अगर ऐसा होता तो वे आज ही अरविंद केजरीवाल के आवास पर छापा मारने नहीं आते। यह एक राजनीतिक साजिश है और वे अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए यहां आए हैं।”
वहीं राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने एक्स पर लिखा, “लोक सभा चुनावों से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल जी को गिरफ़्तार करने की बहुत बड़ी साज़िश चल रही है। केजरीवाल जी के साथ करोड़ों लोगों का आशीर्वाद है, कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। दिल्ली और पंजाब में हुए शानदार कामों की चर्चा आज पूरी दुनिया में हो रही है। केजरीवाल के शरीर को गिरफ़्तार कर सकते हो लेकिन केजरीवाल की सोच को नहीं।”
सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर पूछताछ के लिए पहुंचने पर दिल्ली के मंत्री इमरान हुसैन ने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह AAP और अरविंद केजरीवाल को रोकने की साजिश है। दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल से प्यार करती है और वे इसका जवाब भाजपा को देंगे।”
इससे पहले केजरीवाल ने कोर्ट से कहा था कि वो ईडी के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें भरोसा दिया जाए कि जांच एजेंसी उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी को जवाब देने और नई अंतरिम याचिका दायर करने के लिए भी कहा है। मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी। केजरीवाल को ईडी नौ समन भेज चुकी है। केजरीवाल को 17 मार्च को 9वां समन भेजा गया था। 19 मार्च को समन के खिलाफ केजरीवाल हाईकोर्ट पहुंच गए थे। उनकी याचिका पर 20 मार्च को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने बार-बार समन भेजने को लेकर ईडी को भी तलब किया था।
…तो सीधा गिरफ्तार क्यों नहीं करते
ईडी की ओर से जब दिल्ली हाई कोर्ट में दलील दी गई कि ये कोई चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। समन भेजकर जब बुलाया जाता है तो विपसना में कभी भी चले जाते हैं लेकिन प्रवर्तन निदेशालय के पास नहीं आते हैं। ईडी की टीम उनका पक्ष जानना चाहती है लेकिन वो हाजिर नहीं होते। तमाम सवालों पर कोर्ट ने ईडी को कहा कि आप इतने समन भेज रहे हैं तो सीधा गिरफ्तार क्यों नहीं करते।