क्या-क्या किये हैं विकास कार्य?
श्रीमंदिर परिक्रमा कॉरिडोर को विकसित करने का मुख्य उद्देश्य परिक्रमा में भक्तों को सुरक्षा देना है। इसके परिक्रमा के समय श्रीमंदिर का नीलचक्र और मंदिर दर्शन आराम से हो सके। परिक्रमा परियोजना में मंदिर के चारों तरफ चौकोर कॉरिडोर तैयार किया गया है। कॉरिडोर को 9 ज़ोन में बांटा गया है। इसमें एक बार में कतारबद्ध होकर करीब 6000 भक्त परिक्रमा कर सकेंगे।
परिक्रमा परियोजना में क्या क्या है?
07 मीटर का ग्रीन-बफ़र ज़ोन
10 मीटर का अंतर प्रदक्षिणा
14 मीटर लैंडस्केप ज़ोन
08 मीटर बाह्य प्रदक्षिणा
10 मीटर श्रद्धालुओं की सुविधाएं
4.5 मीटर का सर्विस लेन
4.5 मीटर का इमरजेंसी लेन
7.5 मीटर का मिक्स्ड ट्रैफिक लेन
07 मीटर का फुटपाथ
ये हैं सुविधाएं
श्री मंदिर परिक्रमा परियोजना में 4000 श्रद्धालुओं के लिए क्लॉक रूम, पेयजल, रेस्टरूम, हाथ-पैर धोने की सुविधा, दान करने के लिए कियॉस्क, मल्टी-लेवल पार्किंग और आपातकाल निकास की व्यवस्था की गई है।
4 द्वारों चल रहा है वेद पाठ
श्री मंदिर परिक्रमा परियोजना लोकार्पण से पहले मंदिर के चारों द्वार पर वेदों का पाठ किया जा रहा है। पूर्वी द्वार पर ऋग्वेद, दक्षिण द्वार पर यजुर्वेद, पश्चिमी द्वार पर सामवेद और उत्तरी द्वार पर अथर्वेद का पाठ किया जा रहा है।
कौन-कौन हैं अतिथि?
श्रीमंदिर परिक्रमा प्रकल्प के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए ओडिशा के 857 मंदिरों को आमंत्रित किया गया है। देशभर के करीब 180 मंदिरों जैसे वैष्णो देवी, कामाख्या मंदिर और शिरडी के साईं मंदिर को भी इस तीन दिवसीय उद्घाटन समारोह में आमंत्रित हैं। चार धाम में से बाकी के तीन धाम और नेपाल के राजा को भी समारोह का न्यौता भेजा गया है। विदेशों के कई प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों को समारोह का आमंत्रण भेजा गया है।