बता दें कि बुधवार सुबह केजरीवाल को तिहाड़ जेल से सीबीआई ने गिरफ्तार किया। इसके बाद उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जहां सुनवाई के दौरान सीबीआई ने आरोप लगाया कि जिस कैबिनेट ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दी थी, उसका ना महज अरविंद केजरीवाल हिस्सा थे, बल्कि उन्होंने इस घोटाले में अहम भूमिका भी निभाई थी।
केजरीवाल और सिसोदिया का आमना-सामना कराना चाहती है CBI
सीबीआई ने कहा कि वो केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का आमना-सामना कराकर पूछताछ करना चाहते हैं, जिसे देखते हुए उनकी हिरासत जरूरी है। इसके अलावा, सीबीआई ने दावा किया कि जांच जारी है, जुलाई तक पूरी हो जाएगी। वहीं, सीबीआई ने दावा किया कि केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया पर सारा दोष मढ़ा है, लेकिन केजरीवाल ने अदालत में कहा कि उन्होंने सिसोदिया को निर्दोष बताया है। उन्होंने सिसोदिया पर इस मामले में किसी भी प्रकार का आरोप नहीं लगाया। वहीं सीबीआई ने बुधवार सुबह अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया, जिसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां उनका शुगर लेवल अचानक डाउन हो गया, जिसके बाद उन्हें अलग कमरे में ले जाकर चाय और बिस्कुट खिलाई गई।
ट्रायल कोर्ट की जज जल्दी में थीं- ED वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा जमानत पर लगाई गई अंतरिम रोक को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने भी अपना पक्ष रखा। ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ट्रायल कोर्ट की जज जल्दी में थीं। उन्होंने कथित उत्पाद शुल्क घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत का विरोध करने के लिए अभियोजक को उचित अवसर नहीं दिया। ईडी ने कहा कि केजरीवाल को नियमित जमानत देने का ट्रायल कोर्ट का 20 जून का आदेश धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 के तहत आवश्यक शर्तों का पालन नहीं करता है।