एपीएम प्रोजेक्ट के तहत 7.7 किलोमीटर लंबे रूट के लिए एयर ट्रेन चलाई जाएगी। इसके चार स्टॉप होंगे- टी-2/3, टी-1, एयरोसिटी और कार्गो सिटी। सूत्रों के मुताबिक मौजूदा वित्तीय वर्ष के अंत तक टेंडर पर फैसला हो जाएगा। इसके बाद काम शुरू होगा। इसे 2027 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है। सिस्टम का मकसद विश्वसनीय, तेज और निर्बाध कनेक्टिविटी मुहैया कराना है।
2,000 करोड़ तक आ सकती है लागत
सूत्रों का कहना है कि एयर ट्रेन की लागत का फिलहाल खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन इस पर 2,000 करोड़ रुपए तक खर्च हो सकते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि देश के पहले एयर ट्रेन प्रोजेक्ट के टेंडर की चयन प्रक्रिया में बोलीदाता की लागत और राजस्व साझेदारी के साथ वित्तीय सहायता की पेशकश को ध्यान में रखा जाएगा। टेंडर नवंबर-दिसंबर तक स्वीकार किए जाएंगे।
सुविधा मुफ्त मिलने के आसार
कई देशों में एयर ट्रेन का सुविधा यात्रियों के लिए नि:शुल्क है। माना जा रहा है कि दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर भी यह सेवा मुफ्त होगी। एयरपोर्ट पर एयर ट्रेन की जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही है। यहां 25 फीसदी यात्रियों को एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक जाना पड़ता है।