कुछ समय पहले किया था दौरा
तीन सप्ताह से अधिक समय पहले, एसआईटी की एक टीम पवित्र भोजन (प्रसाद) में इस्तेमाल होने वाले ‘घी’ में मिलावट की जांच करने के लिए तिरुपति का दौरा किया था। टीम तिरुपति और तिरुमाला में विस्तृत जांच कर रही थी तिरुपति प्रसादम (लड्डू) को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में चढ़ाए जाने वाले प्रसादम, तिरुपति लड्डू को तैयार करने में पशु वसा सहित घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था।
जांच के लिए CBI को आदेश
बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने लड्डू प्रसादम मुद्दे की सीबीआई के नेतृत्व में जांच का आदेश दिया। टीम में राज्य पुलिस और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अधिकारी शामिल होंगे। इससे पहले, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ट्रस्ट बोर्ड ने तिरुमाला के भीतर राजनीतिक बयानों पर रोक लगाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया कि उल्लंघन करने वालों के साथ-साथ उनका प्रचार करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गैर-हिंदू कर्मचारियों को लेकर सरकार को पत्र
इसके अलावा, बोर्ड ने आंध्र प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर तिरुमाला में काम करने वाले गैर-हिंदू कर्मचारियों के संबंध में उचित कार्रवाई का अनुरोध करने का फैसला किया ये प्रस्ताव अन्य प्रस्तावों के साथ सोमवार को तिरुमाला के अन्नामैया भवन में बीआर नायडू की अध्यक्षता में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट बोर्ड की पहली बैठक में लिए गए। बैठक के दौरान बोर्ड के सदस्यों ने 80 प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की और कई प्रस्ताव पारित किए।