वीआइपी डय्टी में चलाई तो हुई आपत्ति
स्वास्थ्य विभाग द्वारा हाइवे की बजाय इस एंबुलेंस का उपयोग कुछ समय के लिए वीआइपी डय्टी में किया गया। इसके बाद जब ऑडिट हुआ तो वीआइपी ड्यूटी में उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया और इसे खड़ा कर दिया गया।
खासियत यह कि एंबुलेंस में बच सकती है जान
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की मानें ने यह एंबुलेंस एक ऑपरेशन थियेटर की तरह सर्वसुविधा से युक्त है। इसी कीमत में अन्य एंबुलेंस की अपेछा 10 लाख अधिक हैं। इसके लिए वेटिंलेटर, इसीजी मशीन सहित जरूरी संसाधन मौजूद हैं। इसमें लगी स्ट्रेचर से हादसे में शिकायत व्यक्ति के बिखरे अंगों को भी व्यवस्थित किया जा सकता है। हादसे में गंभीर व्यक्ति को ट्रामा सेंटर तक पहुंचाने में यह एंबुलेंस बिना खतरे के कारगर साबित होती है।
इनका कहना
यह बात सही है कि ट्रामा सेंटर की सर्वसुविधा युक्त एंबुलेंस का उपयोग नहीं किया जा सका है। एंबुलेंस के लिए निर्धारित मापदंडों के अनुसार स्टाफ नहीं है। वरिष्ठ अधिकारियों से इसके उपयोग को लेकर मार्गदर्शन मांगा गया है। जल्द ही इसे उपयोग में लाया जाएगा।
डॉ. अनीता अग्रवाल, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
इस एंबुलेंस के संबंध में अबतक मेरी पास जानकारी नहीं आई है। यदि यह सुविधा हमारे पास मौजूद है तो इसे आमजन के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा। स्टॉफ सहित अन्य जो भी कमियां हैं, उसे दूर कराया जाएगा।
दीपक सक्सेना, कलेक्टर