कपिल महाराज ने बताया कि मैं दरिद्रता या गरीबी के कारण सन्यासी नहीं बना, मुझे धर्म का प्रचार करना था और जन कल्याण करना था, इसलिए मैने चेयरमेन के पद से रिटायर्ड होने के बाद मैने सन्यांस का रास्ता अपनाया हैं। मां ताप्ती की महिमा का अपना महत्व है, इसलिए लोगों की सुख शांति और पूर्वजों की तृप्ती के लिए भारत के तीर्थ क्षेत्रों में अभिषेक करने की शुरूआत की है, जिसका आरंभ ताप्ती के तट से किया जा रहा है…उक्त बातें श्रीश्री 1008 स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती कपिल महाराज द्वारा कही गई। बुधवार को वह पार्षद निशा भारती के निवास स्थान पर पहुंचे।
निशा भारती ने बताया कि कपिल महाराज द्वारा नर्मदा तट, पितृ तीर्थ बिहार, गया, आंध्र प्रदेश, कुरुपुरुम, माहुरुग$ढ, महेश्वर, वाराणसी, कर्णाटक, पुरुहितिक आदि स्थानों पर अभिषेक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कपिल महाराज ने २५ साल पूर्व सन्यास लिया गया था।