बड़नगर विधानसभा में सन 1972 में पहला चुनाव हुआ था। जानकार बताते हैं कि यहां से भी अब तक दोनों ही दलों से किसी भी महिला नेत्री को मौका नहीं दिया गया। ऐसा ही घट्टिया विधानसभा में हुआ। सन 1977 से अस्तित्व में आई घट्टिया विधानसभा से भी अब तक किसी भी महिला नेत्री को विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला। महिदपुर विधानसभा में 1998, 2008 में कांग्रेस से डॉ. कल्पना परुलेकर चुनाव जीती। हालांकि इसके बाद 2003 व 2013 का चुनाव वे हार गई थी। 2019 में उनका निधन हो चुका हैं। यहां भाजपा से किसी भी महिला नेत्री को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला हैं।
71 सालों में भाग्य आजमाने वाले प्रत्याशीवर्ष विजयी प्रत्याशी दल पराजित प्रत्याशी दल
– 1952 रामचंद्र नवाल कांग्रेस लक्ष्मण राव रामराज
– 1957 वीरेंद्रसिंह पर्वतसिंह हिंद महासभा जाफरी मुफ्ती मो. कांग्रेस
– 1962 भैरव भारतीय निर्दलीय विश्वनाथ वासुदेव कांग्रेस
– 1967 वीरेंद्रसिंह कंचनखेडी जनसंघ वहीदउद्दीन कुरैशी कांग्रेस
– 1972 वीरेंद्रसिंह कंचनखेडी जनसंघ राजेंद्रकुमार जैन कांग्रेस
– 1977 पुरुषोत्तम विपट जनता दल बीडी जायसवाल कांग्रेस
– 1980 पुरुषोत्तम विपट भाजपा अभयसिंह झाला कांग्रेस
– 1985 रणछोडलाल आंजना कांग्रेस लालसिंह राणावत भाजपा
– 1990 लालसिंह राणावत भाजपा बीडी जायसवाल कांग्रेस
– 1993 दिलीपसिंह गुर्जर कांग्रेस लालसिंह राणावत भाजपा
– 1998 लालसिंह राणावत भाजपा बाबुलाल गुर्जर कांग्रेस
– 2003 दिलीपसिंह गुर्जर निर्दलीय लालसिंह राणावत भाजपा
– 2008 दिलीपसिंह गुर्जर कांग्रेस दिलीपसिंह शेखावत भाजपा
– 2013 दिलीपसिंह शेखावत भाजपा दिलीपसिंह गुर्जर कांग्रेस
– 2018 दिलीपसिंह गुर्जर कांग्रेस दिलीपसिंह शेखावत कांग्रेस
चुनाव में भले ही महिलाओं को भाग्य आजमाने का मौका नहीं मिला, लेकिन साल दर साल पुरुषों की तरह महिला मतदाताओं की संख्या बढ़ी हैं। नागदा-खाचरौद विधानसभा में 15 सालों में औसत लगभग 50 प्रतिशत महिला मतदाता बढ़ी हैं। 2008 के चुनाव में 72 हजार 609 महिला मतदाता थी, यह संख्या बढ़कर 2013 में 90 हजार 303, 2018 में 99 हजार 911 व 2023 में 1 लाख 9 हजार 185 तक पहुंची। 2018 के विधानसभा चुनाव में 82.65 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं के मुकाबले 79.78 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने वोटिंग की थी। केवल 2.87 प्रतिशत महिला मतदाता ही वोटिंग से वंचित रह पाई थी।