2018 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों का व्यय का लेखा-जेखा संभाल रहें लोगों ने बताया तब फूल माला का खर्च 20 रु. था। आयोग ने इस चुनाव में यह राशि बढ़ाकर 40 रु. कर दी हैं। यही वजह है कि चुनाव मैदान में जनता से वोट मांगने जा रहे प्रत्याशी फूल माला के मुकाबले पार्टी चिन्ह के दुपट्टे या सांफे अधिक पहन रहे हैं।
महावीर भवन में महासति प्रियलक्षणाजी ने धर्मसभा में कहा- नवकार महामंत्र के तीसरे पद पर आचार्यो का वर्णन आता है। आचार्यो में 36 गुणों का समावेश होता है। आचार्यों को मजबूत एवं कुशल होना जरूरी है। पांच महाव्रतों की स्थिरता जरूरी हैं जैसे जिस बाग का माली सम्पन्न और कुशल होगा वहां कभी उजाड़ नहीं होगा एवं जिस संघ का राजा मजबूत और कुशल होगा वहां की प्रजा भी संपन्न होगी। प्रांजलश्रीजी ने जैन साधु-साध्वी के गोचरी पानी की व्यवस्था किस प्रकार करनी है उन सबकी सटीक और विशेष जानकारी दी। स्कूलों के अवकाश के चलते बच्चों का पांच दिवसीय धार्मिक संस्कार शिविर शुरू हो गया है। जिसमें जैन साध्वी द्वारा बच्चों को जीवन जीने की कला और धर्म के प्रति रूचि सिखाई जाएगी।
फ्लैशबैक
पिछले चुनाव में दो प्रत्याशियों ने 22030 रु. की फूलमाला पहनी थी
2018 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा दी गई व्यय की जानकारी के अनुसार घट्टिया से कांग्रेस प्रत्याशी रहे रामलाल मालवीय ने 20 हजार रुपए की फूलमाला पहनी थी। महिदपुर से भाजपा प्रत्याशी रहे बहादुरसिंह चौहान ने 3 हजार 30 रु. की फूलमाला पहनी थी। महिदपुर से निर्दलीय उम्मीदवार रहे दिनेश जैन बोस व नागदा-खाचरौद से कांग्रेस प्रत्याशी दिलीपसिंह गुर्जर ने अपने चुनावी खर्च में इसका जिक्र नहीं किया। ये चारों प्रत्याशी इस बार फिर चुनाव मैदान में खड़े हुए हैं।