बीमा कम्पनियां प्रीमियम से कमा रही करोड़ों रुपए मोटे आकलन के अनुसार जब से प्रधानमंत्री बीमा योजना लागू हुई है, तब से रबी 2022-23 तक अलग-अलग बीमा कम्पनियों ने प्रीमियम के नाम पर किसानों व सरकार से करीब 1800 करोड़ रुपए वसूल किए हैं, जबकि हर बार फसल खराबा होने के बावजूद कम्पनियों ने किसानों को मात्र 800 करोड रुपए का क्लेम दिया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार बीमा कम्पनियां अपना खजाना भरने में लगी हुई हैं। खरीफ-2021 में किसानों की जागरुकता के चलते बेमौसम बारिश से फसल खराबा होने पर रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कम्पनी ने 2 लाख 60 हजार किसानों को करीब 250 करोड़ रुपए का क्लेम जारी किया, जो प्रीमियम राशि से मात्र चार करोड़ कम रहा। लेकिन इस बार खड़ी फसल में नुकसान होने पर क्लेम की श्रेणी में नहीं आने का प्रावधान बीमा की अधिसूचना में जुड़वा दिया, जिसके चलते किसानों को बड़ा नुकसान होगा। जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि बीमा का मतलब ही नुकसान होने पर क्लेम देने से हैं, यदि नई कार लेकर घर ले जाते समय एक्सीडेंट हो जाए तो भी बीमा कम्पनी क्लेम देती है, लेकिन फसल बीमा योजना में ऐसा नहीं है।
पिछले आठ सालों में बीमा करवाने वाले किसान बीमा वर्ष – बीमित किसान – बीमित क्षेत्र खरीफ 2016 – 3.71 – 5.20 रबी 2016-17 – 0.82 – 1.03 खरीफ 2017 – 3.45 – 4.72
रबी 2017-18 – 0.82 – 1.20 खरीफ 2018 – 1.58 – 2.29 रबी 2018-19 – 0.84 – 1.28 खरीफ 2019 – 2.34 – 3.73 रबी 2019-20 – 1.38 – 1.73
खरीफ 2020 – 3.99 – 4.60 रबी 2020-21 – 1.19 – 1.46 खरीफ 2021 – 5.18 – 3.91 रबी 2021-22 – 1.91 – 1.36 खरीफ 2022 – 5.71 – 4.20
रबी 2022-23 – 2.26 – 1.40 खरीफ 2023 – 5.58 – 4.16 रबी – 2023-24 – 2.24 – 1.46 नोट – किसानों की संख्या लाखों में है, बीमित क्षेत्र लाख हैक्टेयर में है।
पत्रिका अभियान का असर फसल बीमा योजना को लेेकर राजस्थान पत्रिका पिछले 10 सालों से लगातार अभियान चलाकर एवं समय-समय पर समाचार प्रकाशित कर किसानों को जागरूक कर रहा है। इसी के चलते किसानों में फसल बीमा योजना को लेकर जागरुकता आई है और वर्ष दर वर्ष बीमा कराने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।