गौरतलब है कि राजस्थान पोर्टल पर दर्ज कराए जाने वाले प्रकरणों को अधिकारी बिना देखे ही निस्तारित कर रहे हैं। गत दिनों डिस्कॉम अधीक्षण अभियंता द्वारा खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल द्वारा दर्ज करवाए गए प्रकरण को भी शहर का बताकर रद्द कर दिया था, जबकि विधायक के आपत्ति के कलक्टर द्वारा जांच कराए जाने पर प्रकरण ग्रामीण क्षेत्र का था, इसके बाद कलक्टर सोनी ने एसई से जवाब मांगा था।
वीडियो कॉन्फे्रंसिंग में जिला कलक्टर ने सम्पर्क पोर्टल पर पंजीकृत होने वाले कुल प्रकरणों तथा उनके निस्तारण की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले में जिन विभागों से संबंधित प्रकरण सर्वाधिक आ रहे हैं, उनका स्थाई समाधान करने के प्रयास किए जाएं। इस दौरान जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियो, विकास अधिकारियों व नगर निकाय अधिशासी अधिकारियों सहित उपखण्ड स्तरीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिले में 6 माह से पूर्व के कोई प्रकरण लम्बित ना रहें। इसके लिए ब्लॉक स्तरीय निष्पादन समिति की बैठक आयोजित कर लम्बित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए।
घर-घर औषधि अभियान का हो अधिक से अधिक प्रचार
जिला कलक्टर डॉ. सोनी ने वीसी के दौरान वन विभाग के अधिकारी को घर-घर औषधि पहुंचाने के कार्य में तेजी लाने तथा उनका व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। डॉ. सोनी ने कहा कि पौध वितरण कार्य का प्रतिदिन फीडबैक लेकर घर-घर औषधि पहुंचाने के कार्य में तेजी लाएं। इसके लिए नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीओ, विकास अधिकारी व वन विभाग के अधिकारी एवं कार्मिक संयुक्त रूप से कार्य करें।
भामाशाहों के सहयोग से बनाएं आईसीटी लैब
कलक्टर ने जिले में आईसीटी लैब बनाने के संबंध में निर्देश देते हुए कहा कि विद्यालय में इस लैब के लिए भामाशाहों का सहयोग लेकर अगस्त माह के अंत तक कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी स्कूलों का निरीक्षण करें तथा स्कूल खुलने के दौरान व्यवस्थाओं की जांच करें।