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नागौर

स्कूल में सीबीइओ के बैठने पर प्रिंसिपल बिफरे, विवाद सुलझाने पहुंचे सीडीइओ

सीडीइओ/सीबीइओ कार्यालय अब तक नहीं बन पाए

नागौरNov 08, 2024 / 08:13 pm

Sandeep Pandey

भैरूंदा ब्लॉक में कार्यालय नहीं होने पर दो साल से सीबीइओ सीनियर स्कूल में बैठ रहे हैं

स्कूल प्रिंसिपल ने जताई आपत्ति

पड़ताल

नागौर. भैरूंदा ब्लॉक में सीनियर स्कूल के प्रिंसिपल और मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सीबीइओ) आमने-सामने हो गए। बात इतनी बढ़ी कि मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (सीडीइओ) को वहां पहुंचना पड़ा। यहां विवाद लम्बे समय से है, वो भी सीबीइओ के स्कूल में बैठने को लेकर। अब सीबीइओ भी क्या करें जब विभाग ने उनके लिए कार्यालय की व्यवस्था ही नहीं की है।
सूत्रों के अनुसार छह-सात साल पहले शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत कुछ परिवर्तन किए गए थे। इसके तहत जिले में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (सीडीइओ) तो हर ब्लॉक में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सीबीइओ) के पद सृजित किए गए। हालत यह है कि छह-सात साल बाद भी अधिकांश के पास खुद का कार्यालय भवन नहीं है। कहीं है भी तो उनके लिए बैठने को ऑफिस नहीं। नागौर के सीडीइओ खुद एक कमरे में बैठते हैं जहां शिक्षा विभाग से जुड़े अन्य कार्य होते हैं। अब तक उनका कार्यालय नहीं तक नहीं बना है। बीकानेर रोड स्थित शिक्षा विभाग के सबसे पीछे बने पुराने प्राथमिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में उनको बैठने के लिए थोड़ी सी जगह दी गई है।
सूत्र बताते हैं कि अधिकांश सीबीइओ का भी यही आलम है। कुछ जुगाड़ से पुराने स्कूल अथवा भवन को हथिया कर बैठे हैं तो कुछ अन्य शिक्षा से जुड़े भवन में अपनी कुर्सी लगाए हुए हैं। यह स्थिति तब है जबकि शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी व मंत्री तक को इस बारे में कई बार अवगत कराया जा चुका है। ऐसा भी नहीं है कि जमीन नहीं हो। नागौर में अधिकांश स्कूल/कॉलेज तक भामाशाहों की जमीन पर बने हैं, ऐसे में किसी भी जमीन पर इनके लिए अलग से कार्यालय बनाया जा सकता है। नागौर के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का दफ्तर भी किसी कम नामांकन वाले स्कूल में है, जहां विधायक कोष से दो-तीन कमरे बनवा लिए गए थे।
कैसे हो मॉनिटरिंग..

सूत्रों का कहना है कि सीडीइओ और सीबीइओ की कम जिम्मेदारी नहीं है। सीडीइओ इतने स्कूलों के शिक्षक-विद्यार्थी के साथ तमाम व्यवस्थाएं देखता है, साथ ही प्रशासनिक मीटिंग के साथ कई अन्य जिम्मेदारी भी। यही हाल मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का है, उसे अपने ब्लॉक में पूरी मॉनिटरिंग करनी होती है।ऐसे में जब इन अधिकारियों के पास खुद के बैठने के लिए ठीक ढंग से जगह नहीं होगी तो फिर काम कैसे सुचारू रहेगा?
ये बैठेंगे तो बच्चे कहां बैठेंगे, भैरूंदा में भिड़ंत

सूत्रों के अनुसार भैरूंदा ब्लॉक में तो दो साल से सीबीइओ हेमंत मिश्रा सीनियर स्कूल में बैठ रहे हैं। इसको लेकर प्रिंसिपल राजेन्द्र सिंह से लम्बे समय से विवाद चल रहा है। प्रिंसिपल का कहना है कि इतनी सी जगह है, ऐसे में सीबीइओ बैठेंगे तो उनके स्कूल के बच्चे कहां बैठेंगे, स्कूल का कामकाज कैसे होगा। विवाद बढऩे पर शुक्रवार को नागौर के सीडीइओ रामलाल खराड़ी खुद वहां पहुंचे। प्रिंसिपल व सीबीइओ के साथ बैठकर मुश्किल को हल करने की कोशिश की। फिलहाल सीबीइओ को अलग से एक कमरा मुहैया कराने की समझाइश पर बात बनी।
इनका कहना

भैरूंदा के एक स्कूल में सीबीइओ दो साल से बैठ रहे हैं। उनके लिए अलग से कार्यालय नहीं बना। विवाद बढऩे पर पहुंचकर मामला सुलझाया। वर्ष 2018 में बने सीडीइओ व सीबीइओ पद के लिए कार्यालय की यह समस्या पूरे प्रदेश की है।
-रामलाल खराड़ी, सीडीइओ, नागौर।

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