महिलाएं संभालती हैं दरी उद्योग
टांकला की दरियों की खासियत यह है कि ये कई तरह के डिजाइन में बनाई जाती हैं। बुनकर पशु-पक्षियों, देवी-देवताओं, फल-फूल सहित कई डिजाइनों में दरी बनाते हैं। अनपढ़ महिलाओं की कारीगरी देखकर पर्यटक भी अचंभित हो जाते हैं। कुछ साल पहले दरी बुनाई का काम बहुत चलता था। मजदूरी के भाव नहीं बढऩे से अब यह उद्योग सिमटता जा रहा है। टांकला के कई ग्रामीण इस पारंपरिक उद्योग को छोडक़र दूसरे काम अपना रहे हैं। फिलहाल महिलाएं ही इस दरी उद्योग को संभाल रही हैं।
दस्तकारों की आय बढ़ेगी
नाबार्ड के इस प्रयास से कारीगरों, शिल्पकारों व बुनकरों तथा ग्राहकों के बीच सीधा संबंध विकसित होगा। यह मंच कलाकारों की आय वृद्धि में सहायक होगा। साथ ही इससे स्थानीय कलाओं को बढ़ावा मिलेगा।
– मोहित चौधरी, जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड