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नागौर

रक्त, शिक्षा व पुस्तकें दान करने वाले छात्रों को प्रवेश में मिलेगी वरीयता

कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय ने जारी की प्रवेश नीति, युवाओं को सामाजिक सरोकार के कार्यों से जोडऩे का प्रयास- नागौर जिले में सरकार महाविद्यालयों की संख्या हुई 28, इस साल खुले 9 कॉलेज पत्रिका साक्षात्कार

नागौरJun 15, 2023 / 11:24 am

shyam choudhary

डॉ. हरसुखराम छरंग

डॉ. हरसुखराम छरंग

नागौर. प्रदेश के आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा राजस्थान ने सरकारी एवं निजी कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीति जारी कर दी है। हालांकि इस बार हाल ही के दिनों में मुख्यमंत्री की ओर से की गई घोषणाओं के चलते प्रवेश प्रक्रिया में देरी हो रही है, लेकिन प्रवेश नीति में कुछ नवाचार जरूर किए गए हैं, जो आने वाले दिनों में युवाओं को सामाजिक सरोकार के कार्य से जोडऩे का काम करेंगे। 12वीं बोर्ड के सभी वर्गों के परिणाम गत माह ही घोषित किए जा चुके हैं, लेकिन कॉलेज में अभी तक प्रवेश प्रक्रिया की तिथियां घोषित नहीं की गई है। प्रवेश नीति सहित स्कूल से निकलकर कॉलेज में आने वाले विद्यार्थियों की शंकाओं को लेकर पत्रिका ने श्री बीआर मिर्धा कॉलेज के प्राचार्य व जिले की कॉलेजों के नोडल अधिकारी डॉ. हरसुखराम छरंग से विशेष बातचीत की।
पत्रिका : कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर क्या तैयारी चल रही है?
डॉ. छरंग : पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने कॉलेजों में संकाय एवं विषय स्वीकृत करने के साथ नई कॉलेज खोलने की घोषणा की है, जिनको उच्च शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपडेट करने का काम चल रहा है। आयुक्तालय ने प्रवेश नीति जारी कर दी है। जल्द ही प्रवेश प्रक्रिया की तिथि घोषित होने की उम्मीद है।
पत्रिका : जिले में अब कुल कितने सरकारी कॉलेज हो चुके हैं, जिनमें इस बार प्रवेश होगा?

डॉ. छरंग : जिले में कुल 27 कॉलेज हैं और गत दिनों मुख्यमंत्री ने छोटी खाटू में कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। जिसको मिलाकर कुल 28 हो जाएंगे। इनमें दो कृषि कॉलेज हैं, जिनमें जेट के माध्यम से प्रवेश होगा। शेष सभी कॉलेजों में आयुक्तालय की गाइडलाइन के अनुसार प्रवेश होगा।
पत्रिका : इस बार प्रवेश नीति में कुछ नवाचार करने की बात आ रही हैं, क्या नवाचार हैं?
डॉ. छरंग : आमतौर पर खेलकूद, स्काउट-गाइट, एनसीसी, एनएसएस, राष्ट्रीय एकीकरण शिविर जैसी सह शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों को प्रवेश में अतिरिक्त लाभ दिया जाता है। इस बार आयुक्तालय ने सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यों में भाग लेने वाले छात्रों को भी अतिरिक्त लाभ देना तय किया है। इसमें राज्य मानवाधिकार आयोग या अधिकृत संस्थाओं की ओर से उल्लेखनीय कार्य करने का प्रमाण पत्र होने पर 2 प्रतिशत, विद्यालय या कॉलेज स्तर पर मानवाधिकार क्लब में सत्र पर्यंत सहभागिता का प्रमाण पत्र होने पर एक प्रतिशत, तीन सत्र तक लगातार राजकीय एवं राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों के ब्लड बैंक में स्वैच्छिक रक्तदान करने पर एक प्रतिशत, साक्षरता अभियान में तीन सत्र में तीन व्यक्तियों को अर्थात प्रति सत्र एक व्यक्ति को साक्षर करने पर तथा कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अपनी सम्पूर्ण पुस्तकें लगातार तीन सत्र तक बुक बैंक में जमा कराने पर आधा-आधा प्रतिशत का लाभ दिया जाएगा।
पत्रिका : स्कूल से कॉलेज में आने वाले विद्यार्थी विषय चयन को लेकर असमंजस में रहते हैं, उनके मार्गदर्शन के लिए क्या व्यवस्था की जाएगी?

डॉ. छरंग : विषय चयन सहित कॉलेज से जुड़ी अन्य जानकारी देने के लिए प्रवेश प्रक्रिया के दौरान हैल्प डेस्क का गठन किया जाएगा, ताकि विद्यार्थी परेशान न हों।
पत्रिका : क्या आवेदन भरने के लिए छात्रों को कॉलेज आना पड़ेगा?
डॉ. छरंग : नहीं, जैसे ही प्रवेश प्रक्रिया की तिथि घोषित होगी, कॉलेज में प्रवेश लेने के इच्छुक विद्यार्थी को जिस कॉलेज में प्रवेश लेना है, उसका चयन करते हुए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। उसके बाद आयुक्तालय की ओर से मुख्य सूची व प्रतीक्षा सूची जारी होगी, जिस छात्र का प्रवेश होगा, उसे मोबाइल नम्बर पर बधाई संदेश जाएगा। इसलिए विद्यार्थी आवेदन में मोबाइल नम्बर सही दें। बधाई संदेश मिलने के बाद विद्यार्थी को कॉलेज आकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवाना होगा। वेरिफिकेशन के बाद ऑनलाइन ओके किया जाएगा। जिसके बाद ई-मित्र से फीस जमा करानी होगी। फीस जमा होने के बाद प्रवेशित विद्यार्थियों की सूची जारी होगी।

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