राजस्थान में जोधपुर एमबीएम कालेज से बी.टेक की पढ़ाई करने के बाद वे तैयारी में लग गए। वे बास्केटबाल के अच्छे खिलाड़ी रहे। हालांकि बी.टेक के बाद उन्हें प्लेसमेंट के दौरान कई आफर भी मिले लेकिन उनको आर्मी में ही जाने का ठान लिया था। सिद्धांत शुरू से ही पढ़ाई में अच्छे थे। उनके आर्मी अफसर बनने में परिवार ने उनका पूरा सपोर्ट किया। सिद्धांत राठौड़ के साथ राजस्थान के आठ कैडेट्स पास आउट हुए।
सिद्धांत राठौड़ ने बताया कि कॉलेज के समय से ही हमने आर्मी में जाने का फैसला कर लिया था। 2020 से 2022 तक इसके लिए तैयारी की। दो साल में दस अटेम्प के बाद मेरा चयन हो गया। गांव व घर वालों से बड़ी प्रेरणा मिली। मैं अपने गांव का पहला आर्मी अफसर हूं। यहां 11 महीने का प्रशिक्षण प्राप्त किया। हमें अब जो भी काम मिलेगा उसे अच्छे से करेंगे। युवाओं को प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा कि सफल होने के लिए तीन चीजें जरूरी हैं। पहला कठिन परिश्रम, दूसरा निरंतरता और तीसरा समर्पण। इन बातों को जीवन में अपनाकर युवा अपने जीवन के लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।