बता दें डिस्कॉमकर्मी अणदाराम ने कुछ समय पहले बेटे का ऑपरेशन करवाया। आरजीएचएस व आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं मिलने से 5 लाख रुपए हॉस्पीटल में एडवांस जमा करवाने पड़े। महंगाई के समय में ऑपरेशन से पूर्व इतनी बड़ी राशि जमा करना बड़ी चिंता का विषय है। वहीं 3,92,910 रुपए उपचार में खर्च होने के बावजूद उसे 2,72,616 रुपए ही भुगतान हुआ। जबकि 1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती कर्मचारियों को आरजीएचएस के तहत केशलेस उपचार की सुविधा है।
इनका कहना है
नागौर स्थित अजमेर विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता अशोक कुमार का कहना है कि यह उच्च स्तर का मामला है। हमें भी नहीं मिल रहा। आरजीएचएस में राशि अधिक होने से तीनों डिस्कॉम ने स्कीम लागू नहीं की है। पहले चिरंजीवी योजना में तो जुड़ जाते थे, लेकिन आयुष्मान भारत में नहीं जुड़ पा रहे हैं। उपचार के लिए पहले रकम जमा करवाने में समस्या तो आती ही है। तीनों डिस्कॉम में यही स्थिति है।
करंट का रहता है खतरा
बता दें, केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत व राज्य सरकार के आरजीएचएस योजना संचालति है। लेकिन
अजमेर विद्युत वितरण निगम के कर्मचारी अभी तक इन योजनाओं के लाभ से वंचित है। जानकारी के अनुसार डिस्कॉम में 2004 से पहले भर्ती हुए कर्मचारियों के खाते से पीएमसीएफ फंड तो कट रहा है, लेकिन आरजीएचएस और आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। जबकि उम्रदराज होने के कारण इसके कर्मचारियों को स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता अधिक रहती है। साथ ही फिल्ड में काम करने के दौरान करंट का भी खतरा बना रहता है।
डिस्कॉमकर्मी ने सुनाई पीड़ा
डिस्कॉमकर्मी अणदाराम चोयल व सुखराम मुण्डेल ने बताया कि पीएमसीएफ के तहत इलाज के दौरान संपूर्ण खर्च जेब से देना पड़ता है। इलाज के बाद भी पूरा भुगतान नहीं देकर कुछ प्रतिशत ही भुगतान किया जाता है। डिस्कॉम के अलावा किसी भी विभाग में ऐसी व्यवस्था नहीं है तो उनके भेदभाव पूर्ण व्यवहार क्यों किया जा रहा है। इस सबन्ध में कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि पूर्व में चिरंजीवी योजना से जुड़े थे, अब आयुष्मान भारत योजना के लिए आवेदन करते हैं तो पहले से आरजीएचएस से जुड़ा होना बता रहा है।