हार्ट अटैक से हुई थी प्रेमाराम की मौत
40 वर्षीय प्रेमाराम अन्य के खेत में मूंग निकलवाने के लिए गया था। तभी उसे हृदयाघात हुआ और मौत हो गई। विधवा जिमनी के चार मासूम बेटियां और एक आठ माह का बेटा बताया। वो पालन पोषण के लिए पेंशन और पालनहार योजना के लिए कई बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा चुकी। पति ने मकान के लिए बैंक से ऋण लिया तो वो भी अब किस्त नहीं चुकने से दबाव बनाने लगे। प्रेमाराम ने बैंक से यह ऋण लिया था। उसकी मौत के बाद किस्ते नहीं चुकी। तो बैंक कर्मियों ने घर के सामने घर की कुर्की करने का नोटिस चस्पा कर दिया।
राशन के गेहूं से चलता गुजारा
विधवा जिमनी ने बताया कि मजदूरी के अलावा परिवार में आय का कोई स्रोत नहीं। राशन डीलर से हर माह मिलने वाले गेहूं से पेट पाल रहे हैं। हालांकि इससे पूरा महिना नहीं निकलता। बच्चे छोटे होने से उसके लिए मजदूरी करने जाना भी सम्भव नहीं हो पा रहा। नम आंखों से जिमनी कहती हैं कि घर की नीलामी हुई तो पांच बच्चों को लेकर कहां रहूंगी। कहां जाऊंगी कोई ठिकाना नहीं। मेरे से तो राम व राज दोनों ही रूठ गया।