यह है 15वीं विधानसभा के सवालों की स्थिति
सत्र – कुल लगाए गए प्रश्न – उत्तरित – अनुत्तरित
पहला – 1466 – 1445 – 21
दूसरा – 7118 – 6820 – 298
तीसरा – 35 – 32 – 3
चौथा – 7130 – 6854 – 276
पांचवां – 1510 – 1405 – 105
छठा – 8479 – 7823 – 656
सातवां – 8364 – 7154 – 1210
आठवां – 8038 – 1548 – 6490
समय पर नहीं मिलते जवाब
एक ओर जहां विधायक के प्रश्नों का जवाब तीन-चार साल बाद भी नहीं दिया गया है, वहीं दूसरी ओर जिन सवालों के जवाब दिए जाते हैं, उनके भी एक या दो साल बाद विधानसभा की वेबसाइट पर अपलोड किए जाते हैं, तब तक कई प्रश्नों का औचित्य ही समाप्त हो जाता है। जो प्रश्न विधानसभा सत्र की चर्चा में शामिल हो जाता है, उनके जवाब मिल जाते हैं, शेष के छह महीने से एक साल बाद तक जवाब देते हैं या फिर देते ही नहीं हैं। ऐसे में विधायकों के विशेषाधिकार का हनन हो रहा है। साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से लाए गए लोक सेवाओं की गांरटी अधिनियम की भी धज्जियां उड़ रही हैं।
विधानसभा में लगाए गए प्रश्नों का जवाब समय पर नहीं मिलता है, जिसके कारण सवालों का औचित्य ही खत्म हो जाता है। मैंने विधानसभा के तीसरे सत्र में अंगोर भूमि पर पेट्रेाल पंप की लीज देने व उसका नवीनीकरण करने से सम्बन्धित सवाल लगाया था, जिसका जवाब आज तक नहीं आया। अधिकारी बड़े लोगों को बचाने की फिराक में रहते हैं, जबकि गरीब लोगों के मकान आदि कोर्ट का हवाला देकर तोड़ देते हैं।
– नारायण बेनीवाल, विधायक, खींवसर