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नागौर

कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने को तैयार नागौर जिला

जिले का चिकित्सा ढांचा हुआ मजबूत, चिकित्सकों के 90 फीसदी पद भरे- जिले में एक दर्जन ऑक्सीजन प्लांट हो रहे तैयार- 1500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध तो 900 सिलेण्डर भी मिले

नागौरAug 02, 2021 / 10:01 pm

shyam choudhary

Nagaur district ready to fight the third wave of Corona

Nagaur district ready to fight the third wave of Corona

नागौर. नागौर जिले में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने बरपाए कहर के बाद अलर्ट हुए चिकित्सा विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत बना लिया है, ताकि तीसरी लहर में आमजन को ऑक्सीजन सहित अन्य चिकित्सा सुविधाओं के लिए तरसना नहीं पड़े। वर्तमान में नागौर जिला कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए पूरी तरह है।
चिकित्सा व्यवस्था की दृष्टि से नागौर जिले की मजबूती में सबसे बड़ी बात चिकित्सकों के अधिकतर पद भरना एवं ऑक्सीजन प्लांट हैं। वर्तमान में जिले में उप स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला मुख्यालय के अस्पताल तक चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ के अधिकतर पद भर चुके हैं। जिले में पीएचसी व सीएचसी पर चिकित्सा अधिकारियों के 90 प्रतिशत पद भरे जा चुके हैं। वहीं नर्सिंग स्टाफ के पद लगभग पूरे भर चुके हैं तो हाल ही लगाए गए कोविड हैल्थ एसिसटेंट की संख्या भी 1600 से अधिक है।
चिकित्सकों के 420 में से 375 पद भरे
चिकित्सा विभाग के अनुसार जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कनिष्ठ विशेषज्ञ (जेएस), चिकित्सा अधिकारी (एमओ), वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) सहित कनिष्ठ विशेषज्ञ मेडिसिन के 420 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 375 पद भर चुके हैं। 45 पद रिक्त हैं, जिनके भी जल्द ही भरने की संभावना है।
खड़ी कर दी सीएचए की फौज
कोविड-19 से लडऩे के लिए राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले में 1600 से अधिक कोविड हैल्थ एसिसटेंट (सीएचए) लगाए जा चुके हैं। सीएमएचओ के अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक-एक, पीएचसी स्तर पर 2-2, सीएचसी स्तर पर 3-3 तथा शहरी क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में दो-दो सीएचए लगाए गए हैं, यानी जिले के 11 निकायों के 410 वार्डों में दो-दो के हिसाब से 820 सीएचए लगाए गए हैं।
खींवसर के अलावा ज्यादातर प्लांट अंतिम चरण में
जिला मुख्यालय पर वर्तमान में चल रहे 100 सिलेण्डर की उत्पादन क्षमता वाले प्लांट के अतिरिक्त यहां अम्बुजा सीमेंट कम्पनी द्वारा 175 से 200 सिलेण्डर की क्षमता वाला प्लांट तैयार करवाया जा रहा है, जिसका काम अंतिम चरण में है। इसके अतिरिक्त नगर परिषद द्वारा नवनिर्मित प्लांट से प्रतिदिन 100 ऑक्सीजन सिलेण्डर एवं एनएलसी इंडिया लिमिटेड द्वारा ऑक्सीजन प्लांट से प्रतिदिन 100 सिलेण्डर का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। यानी जिला मुख्यालय के जेएलएन अस्पताल में प्रतिदिन करीब 500 ऑक्सीजन सिलेण्डर का उत्पादन होगा। अम्बुजा के प्लांट पर ऑक्सीजन सिलेण्डर भरने का कार्य शुरू हो जाएगा। इसके अलावा डीडवाना में वर्तमान में प्लांट चालू है तो लाडनूं, जायल, कुचामन सिटी, छोटी खाटू, नावां, मकराना, परबतसर, डेगाना व मेड़ता सिटी में भी ऑक्सीन प्लांट का काम अंतिम चरण में हैं, जबकि खींवसर में हाल ही स्वीकृत होने के चलते काम शुरू हो गया है।
जिले को मिले 900 सिलेण्डर
कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन के साथ सिलेण्डर की कमी भी काफी खली थी, जिसके चलते मरीजों को 400 रुपए के सिलेण्डर के 40 हजार रुपए तक चुकाने पड़े थे। जिला प्रशासन ने औद्योगिक संस्थानों से सिलेण्डर लिए थे। आगे ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए सरकार ने हाल ही जिले को नए 900 सिलेण्डर उपलब्ध करवाए हैं, जिसमें 500 बड़े सिलेण्डर (डी टाइप) हैं, जिन्हें जिले के बड़े अस्पताल डीडवाना, कुचामन व लाडनूं आदि स्थानों पर भेजा गया है, जबकि 400 छोटे सिलेण्डर (बी टाइप) हैं, जिन्हें छोटे चिकित्सा संस्थानों को दिया गया है। इसके साथ 1500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी जिले में चिकित्सा विभाग के पास है।
हर दृष्टि से मजबूत हैं हम
कोरोना की तीसरी लहर से लडऩे के लिए जिले का चिकित्सा विभाग पूरी तरह तैयार है। जिले में चिकित्सकों के साथ नर्सिंग स्टाफ के पद लगभग भर चुके हैं। ऑक्सीजन की भी समस्या इस बार नहीं आएगी। जिला मुख्यालय सहित लगभग हर उपखंड पर प्लांट तैयार हो रहे हैं। सिलेण्डर व ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
– डॉ. मेहराम महिया, सीएमएचओ, नागौर

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