जागरुकता के अभाव में बदहाल शहर
जागरुकता के अभाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान को धक्का लग रहा है। शहरवासी घरों की साफ-सफाई बेशक कर रहे हैं लेकिन घरों से निकलने वाली गंदगी व कूड़ा करकट कचरा पात्र में डालने के बजाय खुले में सड़कों पर फेंका जा रहा है। सफाई के प्रति उदासीनता के चलते नगर परिषद के तमाम प्रयास बोने साबित हो रहे हैं। शहर में नियमित सफाई कर्मचारियों के साथ संविदा पर भी कर्मचारियों की सेवाएं एजेंसी के माध्यम से ली जा रही है, इसके बावजूद नगर परिषद स्वच्छता के अपने मकसद में सफल होता नजर नहीं आ रहा है।
दोनों पारी में होती सफाई
स्वच्छता अभियान के तहत सरकार की ओर से जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं व निकाय स्तर पर भी शहर को स्वच्छ बनाए रखने की कवायद की जाती है। शहर के ४५ वार्डों में नियमित रूप से सुबह-शाम की पारी में सफाई की जाती है। कचरा परिवहन के लिए भी वार्डवार ३० टेम्पो व टे्रक्टर लगाए गए हैं। इसके बावजूद कई वार्डों में सफाई व्यवस्था बेपटरी हो रही है। कुछ वार्ड तो ऐसे भी हैं जहां सफाई करने के बावजूद सड़कों पर कचरे के ढेर नजर आते हैं। शहर के मुख्य बाजार में तो स्थिति ओर भी खराब है।
सड़कों पर कचरे के ढेर
नगर परिषद की ओर से हर वार्ड में प्रमुख-प्रमुख स्थानों पर छोटे-बड़े कचरा पात्र रखवाए गए हैं ताकि कॉलोनी के लोगों को कचरा डालने में सुविधा हो। इसके बावजूद अधिकांश जगहों पर कचरा पात्र खाली नजर आएंगे व पास ही सड़क पर कचरे का ढेर मिल जाएगा। लोगों में जागरुकता के अभाव के कारण सड़कों पर पड़े कचरे में दिन भर लावारिश पशु मुंह मारते रहते हैं, जो कि कई बार हादसों का कारण भी बनते हैं। कई ऐसे मोहल्ले भी हैं, जहां के जागरूक लोग खुद घरों के सामने नियमित सफाई करते हैं।
आम लोगों का सहयोग जरुरी
शहर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जाता है। शहर को स्वच्छ बनाए रखने में शहरवासियों का सहयोग भी जरुरी है। शहरवासी निर्धारित स्थान या कचरा पात्र में ही कचरा डालें ताकि कचरा उठाने में सुविधा रहे।
श्रवण चौधरी, आयुक्त, नगर परिषद नागौर
स्वच्छता को महत्व दें
स्वस्थ रहने के लिए साफ-सफाई आवश्यक है। लोगों को जागरूक किया जाए व गंदगी से होने वाली बीमारियों के बारे में बताया जाए ताकि वे अपने आसपास स्वच्छता रखें व दूसरों को भी प्रेरित करें।
केसी बोकाडिय़ा, फिल्म निर्माता, निर्देशक
सफाई किसी एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं होकर सामूहिक उत्तरदायित्व है। इसकी शुरुआत घर से करें। स्वच्छता को भी उतना ही महत्व देना चाहिए, जितना वे अपने घर की साफ-सफाई को देते हैं।
अजय सोनी, म्यूजिशियन
नगर परिषद अलग-अलग पारियों में सफाई प्रक्रिया को निरंतर लागू करें। लोगों को जागरूक करने की जरुरत है कि वे खान-पान की चीजें व डिस्पॉजल सड़कों पर नहीं फेंके।
सतीश देहरा, गायक व संगीतकार
समाज के हर वर्ग के लोगोंं को स्वच्छता का महत्व समझना और दूसरों को समझाना जरूरी है। शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए सभी कूड़ेदान का इस्तेमाल करें। फालतू चीजों को सड़क पर ना फेंके।
हरसुख धायल, रुणिया, संगीतकार
शहर के हर व्यक्ति में जब तक जिम्मेदारी का भाव जागृत नहीं होगा, तब तक शहर को स्वच्छ बनाने का सपना पूरा नहीं हो सकता। हर एक व्यक्ति नगर परिषद व सफाई कर्मचारियों का सहयोग करें।
रामकन्या मणिहार, समाजसेविका व ब्रांड एम्बेसडर, एसबीएम-नगर परिषद, नागौर