पद पर आसानी से चयन टेढ़ी खीर हो गया था ( Nagaur NEWS ) वहीं समाज सेवी मोहम्मद अशफाक रान्दड़ की पत्नी सईदा बेगम भी अपना नामांकन प्रस्तुत करते हुए सभापति पद के लिए चुनावी दंगल में ताल ठोक दी थी। एेसे में बगावती सुर के बाद पद पर आसानी से चयन टेढ़ी खीर हो गया था। सभापति पद के लिए चुनाव 26 नवम्बर को होने थे, लेकिन शनिवार को सिमरन के सभापति बनने की संभावना उस समय वास्तविकता में बदल गई जब सभापति पद के अन्य तीनों प्रत्याशियों ने अपने नाम वापस ले लिए।
चुनाव प्रभारी जसवंत गुर्जर ने बताया कि संगठन के अनुशासन का मान रखते हुए अनावश्यक आशंका दूर हो गई। साथ ही पार्टी की एकजुटता फिर दिखी। यह खबरें भी पढ़ें…