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नागौर

Nagaur news Diary…रूद्राभिषेक किया, गूंजे मंत्र, नए साल का स्वागत…VIDEO

नागौर. प्रतापसागर तालाब के निकट स्थित जबरेश्वर महादेव मंदिर में वर्ष के अंतिम दिन यानि की मंगलवार को नववर्ष के स्वागत एवं सुख-समृद्धि की कामना से महारूद्राभिषेक के साथ महाआरती की गई। मंदिर मं वैदिक मंत्रों के साथ रमक-झमक से रूद्राभिषेक किया गया। शाम को हुई महाआरती में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। पूरा मंदिर परिसर […]

नागौरDec 31, 2024 / 10:16 pm

Sharad Shukla

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नागौर. प्रतापसागर तालाब के निकट स्थित जबरेश्वर महादेव मंदिर में वर्ष के अंतिम दिन यानि की मंगलवार को नववर्ष के स्वागत एवं सुख-समृद्धि की कामना से महारूद्राभिषेक के साथ महाआरती की गई। मंदिर मं वैदिक मंत्रों के साथ रमक-झमक से रूद्राभिषेक किया गया। शाम को हुई महाआरती में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। पूरा मंदिर परिसर भोले के जयकारों से गूंजता रहा। इस दौरान ओमप्रकाश सेन, तारा, प्रमोद ललवानी, संजय जोशी, संजय कुमार व्यास, जैनाराम चौहान एवं रमेश चौहान आदि ने महादेव का पूजन किया।
युवाओं ने नए साल का स्वागत जश्न के साथ किया
-रात्रि 12 बजते ही एक-दूसरे को शुभकामनाएं देने में लगे रहे लोग
-होटलों, रेस्टोरेंस्ट में संगीत के साथ लिया लुफ्त

नागौर. जिले में मंगलवार की रात युवाओं ने वर्ष 2024 को अलवदिा करते हुए नए साल का जश्न के साथ जोशीले अंदाज में स्वागत किया। े साल की आखिरी शाम समूचा युवा वर्ग उत्साहित रहा। शहर वासियों ने होटल में रोशनी, संगीत और नृत्य के साथ नए साल का जोरदार स्वागत करते हुए चमकदार रोशनी में नए साल का जश्न मनाया। कई जगहों पर तो रात भर लोग संगीत की धुन पर थिरकते रहे। शाम से ही युवाओं की चहलकदमी शुरू हो गई थी। पहले से बुकिंग कराए लोगों की भी होटलों, रेस्टोरेंट एवं सार्वजनिक स्थानों पर गहमागहमी शुरू हो गई थी। घड़ी की सुईयां जैसे ही 12 पर पहुंची, एक दूसरे को हैप्पी न्यू ईयर विश करने का सिलसिला शुरू हो गया। पुराने साल को विदाई देने साल के अंतिम दिन शहर के विभिन्न जगहों पर लोगों की भीड़ सेलीब्रेट करने के लिए उमड़ी। शहर का रेलवे स्टेशन रोड, कलक्ट्रेट मार्ग, गांधी चौक, दिल्ली दरवाजा आदि क्षेत्र पूरे दिन गुलजार रहे। लोगों ने ठंड हवाओं के बीच स्ट्रीट फूड का आनंद लिया। कुछ लोगों ने तो केक भी काटे। होटलों, रेस्टोरेंट में भी लोगों ने लाइव म्यूजिक के साथ लजीज व्यंजनों का भी आनंद लिया। डीजे की धुन पर खूब थिरके लोग। देर रात्रि तक संगीत की धुन पर झूमते रहे।
हर्षण , शिव वास, बालव कौलव करण योग में नए वर्ष की शुरुआत
नागौर. अंग्रेजी कलण्डर के हिसाब से शुरू हो रहे नए साल का पहले दिन की शुरुआत शुभ योग में हो रही है। नए वर्ष का पहला दिन यानि की बुधवार को द्वितीया तिथि, उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र और व्याघात, हर्षण योग, शिव वास, बालव और कौलव करण बनने जा रहा है। इस योग को बेहद ही दुर्लभ माना जाता है। पंडित सुनील दाधीच ने बताया कि ज्योतिष के अनुसार मालव्य और केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होगा। यह राजयोग शुक्र के 27 जनवरी को मीन राशि में गोचर से बन रहा है। इसके साथ वर्ष 2025 दो बड़े प्रभावशाली ग्रह शनिदेव व देवगुरु बृहस्पति राशि परिवर्तन करेंगे। 18 मई को राहु कुंभ राशि में तथा केतु सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। नए साल की शुरुआत हर्षण, शिववास, बालव और कौलव योग से होने से कुछ राशि वालों के लिए 2025 शुभ रहेगा। शनिदेव 29 मार्च को राशि परिवर्तन करेंगे। शनि ग्रह पिछले ढाई वर्ष से कुंभ में विराजमान थे।अब 29 मार्च को मीन राशि में प्रवेश करेंगे। गुरु बृहस्पति 14 मई को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ े ग्रह गुरु बृहस्पति 14 मई को वृषभ राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेगे। ऐसे में वह तीन गुना अधिक तेज गति से चलेंगे। गुरु की ये गति तीन गुना अधिक अतिचारी होंगे। कर्क राशि में नीचस्थ वक्री मंगल ग्रह 21 जनवरी को वापिस मिथुन राशि में चलेंगे, और 24 फरवरी को वह मार्गी हो जाएंगे। 2 अप्रैल को कर्क राशि में आयेंगे।
चंद्रग्रहण ही दिखेगा
वर्ष 2025 में एक चंद्र ग्रहण तथा एक सूर्य ग्रहण का योग बन रहा है जिसमें भारत में केवल चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा रविवार को रात्रि में होगा।
ज्योतिषानुसार राशि पर यह रहेगा प्रभाव
साल मेष राशि के जातकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस समय आपको वित्तीय हानि का सामना करना पड़ सकता है और आप किसी अप्रत्याशित खर्चे में भी फंस सकते हैं। वृषभ राशि के लोगों के लिए साल 2025 मिले-जुले फल देगा, इस दौरान आपको कुछ अच्छे अवसर मिल सकते हैं, और कुछ जगह आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साल की शुरुआत से लेकर 14 मई तक, गुरु का संचार इस राशि पर होने से जीवन में कई सकारात्मक बदलाव लाएगा। मिथुन राशि वालों को इस साल कुछ समस्याएं हो सकती हैं। साल के आरंभ में गुरु द्वादश भाव में हैं। जिसकी वजह से संबंधों में दूरी आ सकती है। कर्क राशि वालों को आर्थिक दृष्टि से साल 2025 कर्क राशि के लिए चुनौतियों भरा हो सकता है। साल की शुरुआत शनि की ढैय्या और मंगल के नीचस्थ गोचर के प्रभाव में होगी। जिससे अनावश्यक खर्चों में वृद्धि हो सकती है। सिंह राशि वालों को साल की शुरुआत से लेकर 29 मार्च तक शनि की शत्रु सप्तम दृष्टि के प्रभाव से प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। इस दौरान आपके साथी के साथ मतभेद बढ़ सकते हैं। रिश्तों में संदेह और दूरी की स्थिति बन सकती है। कन्या राशि वालों को कुछ गुप्त शत्रुओं के कारण भी जीवन में समस्याएं आ सकती हैं। वित्तीय दृष्टिकोण से साल 2025 में मिश्रित परिणाम मिल सकते हैं। तुला राशि वालों का साल के आरंभ में मंगल की चतुर्थ दृष्टि परिश्रम और उत्साह को बढ़ाएगी। जिससे अपनी मेहनत से आर्थिक लाभ प्राप्त करेंगे। 9 अक्टूबर से 2 नवंबर तक शुक्र के नीचस्थ होने से आय कम और खर्च अधिक हो सकते हों। वृश्चिक राशि को साल की शुरुआत से 29 मार्च तक शनि की ढैय्या के कारण मानसिक तनाव और शारीरिक थकान महसूस हो सकती है। धनु राशि को इस साल 29 मार्च से शनि की ढैय्या का प्रभाव रिश्तों में तनाव पैदा कर सकता है। हालांकि 14 मई से गुरु की सप्तम दृष्टि का प्रभाव प्रेम जीवन को स्थिरता प्रदान करेगा। 18 अक्टूबर से 5 दिसंबर तक गुरु के कर्क राशि में आने से दांपत्य जीवन में मधुरता बढ़ेगी। मकर राशि को साल के आरंभ से 6 जून तक मंगल की उच्च दृष्टि और 14 मई तक गुरु की नीच दृष्टि के कारण आर्थिक स्थिति में अस्थिरता रहेगी। कुंभ राशि को आर्थिक दृष्टि से यह वर्ष चुनौतीपूर्ण रहेगा। शनि-साढ़ेसाती और मंगल की शत्रु दृष्टि के कारण अनावश्यक खर्च और वित्तीय अस्थिरता बनी रहेगी। मीन राशि को इस राशि जातकों के लिए यह साल शनि की साढ़ेसाती पूरे वर्ष प्रभाव में रहने के कारण दांपत्य जीवन में तनाव और गलतफहमियों का सामना करना पड़ सकता है। 6 जून से 13 सितंबर के बीच मंगल की दृष्टि के प्रभाव से रिश्तों में नई ऊर्जा और स्थिरता आएगी
गृहस्थ को उत्तम आचरणयुक्त जीवन जीना चाहिए
-रामपोल सत्संग भवन में चल रही भागवत कथा में समझाई आचरण की महत्ता
नागौर. रामपोल सत्संग भवन में चल रही भागवत कथा में वाचन करते हुए संत राजाराम ने कहा कि संतों की रक्षा के साथ ही धर्म स्थापना के लिए भगवान अवतरित होते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तम आचरणयुक्त गृहस्थों के घर ही परमात्मा प्रगट होते हैं। इसलिए प्रत्येक गृहस्थ को अपना जीवन नैतिक आचरण से युक्त धर्मभाव के साथ रखना चाहिए। उन्होंने अयोध्या के राजा दशरथ का उद्धरण देते हुए कहा कि वह प्रजापालक के साथ ही धर्म का पालन करने वाले थे। इसलिए भगवान उनके यहां अवतरित हुए। वसुदेव के यहां कृष्ण का जन्म हुआ। कहने का अर्थ है कि प्रत्येक को सत-आचरणयुक्त जीवन जीना चाहिए। इस दौरान गजेन्द्र मोक्ष का वर्णन करते हुए कहा कि उसकी करुण पुकार सुनकर नारायण को वहां पर तुरन्त पहुंचना पड़ा। ग्राह ने गजराज का एक पैर पकड़ लिया था। संकट में गजराज ने भगवान विष्णु की प्रार्थना की। इससे यह स्पष्ट होता है कि सच्चे मन से भगवान को स्मरण किया जाए तो वह उनकी सहायता के लिए अवश्य आते हैं। इसलिए लोगों को भगवान राम सरीखी मर्यादित जीवन जीना चाहिए। ताकि भगवान कृष्ण आनंद बनकर आएं। आचार्य भगवानदास महाराज ने सत्संग की महत्ता समझाई। कथा के दौरान भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। भगवान के जन्मोत्सव में एक से बढकऱ एक भजनों की प्रस्तुतियां दी गई।
मूलसिंह राठौड को मिला स्वर्ण पदक
नागौर. बीकानेर में हुई 14वीं राजस्थान पैरा एथलेटिक्स में ग्राम कादरपुरा के दिव्यांग मूलसिंह राठौड़ ने शाट पुट में पहला एवं भाला में तीसरा स्थान मिला है। मूल सिंह को स्वर्ण एवं कांस्य पदक मिले। इस पर ग्रामीणों ने हर्ष जताया है।

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