सुबह 11 बजे सैनिक की देह मौलासर पहुंच गई यहां से सैनिक पुरणाराम मेघवाल को नमन करने के लिए सैकड़ों युवाओं ने मौलासर से करीब 5 किलोमीटर दूरी पार कर गांव अलखपुरा तक तिरंगा लहराते हुए बाइक रैली निकाली। इस दौरान देश भक्ति के जोश में बाइक सवार युवाओं में भारत माता के जयकारे, सैनिक पुरणाराम अमर रहे आदि नारे लगाते चल रहे थे। रास्ते में जगह-जगह सैनिक की पार्थिव से के दर्शन एवं सम्मान के लिए गांव ढाणियों और निजी शिक्षण संस्थाओं के विद्यार्थियों ने सड़क पर कतार में खड़े होकर पुष्प वर्षा की।
पुष्प वर्षा कर दी सलामी मौलासर से अलखपूरा तक सैनिक के सम्मान में पुष्प बरसाए तथा श्री बालाजी क्लासेज व बचपन एंड सेविन स्टार स्कूल के छात्र-छात्राओं ने सैनिक पूरणाराम को सलामी दी। इस दौरान मौलासर से अलखपूरा तक लोगों की भीड़ जमा हो गई।
बिलख पड़ी ममता
अपने कलेजे के टुकड़े के अंतिम दर्शन के लिए पूर्णाराम की 80 वर्षीय मां की ममता विलख पड़ी। पत्नी मोहनी देवी की आंखें भी रुलाई से पथरा गईं। वहीं सैनिक की 1 वर्षीय मासूम बेटी को तो अभी पता ही नहीं था कि क्या हुआ है, बस वह तो रोए जा रही थी। घर में हर किसी को बिलखते देख लोगों की आंखें भी नम हो रही थीं। लेकिन फिर भी लोग परिजनों को ढांढस बंधा रहे थे।
क्षेत्र में शोक की लहर सैनिक मूलाराम मेघवाल की मौत की सूचना के बाद क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। सैनिक के 11 वर्षीय बेटे अनुराग ने पिता को मुखाग्नि दी तो माहौल गमगीन हो गया। दोपहर करीब 3 बजे गांव में राजकीय सम्मान ( State Honor ) के साथ सैकड़ों नम आंखों ने सैनिक को अंतिम विदाई दी।
BSF जवान अशोक कालेर का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, हर आंख हुई नम