नागौर

डिजिटल युग में 34 साल पुरानी मशीन निकाल रही एक्स रे

कुचेरा. नागौर जिले के सबसे पुराने राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कुचेरा में लम्बे समय बाद गायनिक चिकित्सक का पदस्थापन हुआ है, लेकिन प्रसूताओं व अन्य महिलाओं को सोनोग्राफी व डिजिटल एक्स रे मशीन के अभाव में इनका पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है।

नागौरAug 05, 2024 / 01:09 pm

Ravindra Mishra

कुचेरा. राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में लगी पुरानी एक्स रे मशीन।

– संसाधनों के लिए तरस रहा कुचेरा का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
– कई बार उठा चुके डिजिटल एक्स रे व सोनोग्राफी मशीन की मांग

कुचेरा. नागौर जिले के सबसे पुराने राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कुचेरा में लम्बे समय बाद गायनिक चिकित्सक का पदस्थापन हुआ है, लेकिन प्रसूताओं व अन्य महिलाओं को सोनोग्राफी व डिजिटल एक्स रे मशीन के अभाव में इनका पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है। यहां लगी पुरानी एक्स रे मशीन के भरोसे दो सीएचसी चल रहे हैं।
जानकारी के अनुसार शहर के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 1990 के दशक में एक्स रे मशीन लगाई गई थी। इस के बाद बने अधिकांश सीएचसी व अन्य अस्पतालों में डिजीटल एक्स रे के साथ सोनोग्राफी व अन्य मशीनें लगी हुई है, लेकिन कुचेरा सीएचसी में अभी तक पुरानी एक्स रे मशीन से काम चलाया जा रहा है। क्षेत्र से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग -58 सहित तीन स्टेट हाईवे व दर्जनों अन्य सड़कों पर आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं में घायलों को उपचार के लिए कुचेरा सीएचसी लाया जाता है। लेकिन यहां डिजीटल एक्स रे मशीन नहीं लगी होने से घायलों को रैफर करना पड़ता है या निजी लैब में एक्स रे करवाना पड़ता है। इससे उन्हें शारीरिक व आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है।
सीएचसी में डिजीटल एक्स रे मशीन लगाने की कई बार मांग करने के बावजूद अब तक ध्यान नहीं दिया गया है। पिछले एक दशक से यहां डिजीटल एक्स रे मशीन लगाने की मांग स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों व सरकार से की गई। गत दिनों सीएमएचओं के निरीक्षण के दौरान मांग प्रमुखता से उठाई थी।
40 गांवों के पहुंचते हैं मरीज

शहर के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में शहर सहित क्षेत्र के करीब 40 गांवों के मरीज आते हैं। साथ ही कई बड़े धार्मिक स्थल होने व राष्ट्रीय राजमार्ग 58 सहित आसपास के क्षेत्र से निकल रहे स्टेट हाइवे पर सड़क पर दुर्घटनाओं के घायव भी यहीं पहुंचते हैं। फिरोजपुरा, खेड़ा नारनौलिया, जुंजाला, रूपाथल के चाईना क्ले खनन क्षेत्र, खजवाना, ग्वालू के सेंड स्टोन खनन क्षेत्र सहित कसनाऊ कोयला खनन क्षेत्र में दुर्घटना होने पर घायलों को भी कुचेरा सीएचसी लाया जाता है। यहां डिजिटल एक्स रे व सोनोग्राफी मशीन नहीं होने से भीर घायलों व परिजनों को परेशानी होती है।
ये पद है रिक्त

सीएचसी में चिकित्सा अधिकारी के 09 स्वीकृत पदों में से 07 चिकित्सा अधिकारी कार्यरत है। सर्जन व एमडी मेडिसिन का पद लम्बे समय से रिक्त है। इस कारण ऑपरेशन थिएटर का उपयोग नहीं होता। सीनियर नर्सिंग अधिकारी, फार्मासिस्ट व ईसीजी टैक्निशियन के पद भी लम्बे समय से रिक्त हैं। भामाशाह के सहयोग से यहां ईसीजी मशीन लगाई गई है , लेकिन टैक्निशियन नहीं है।
जर्जर हाल आवास

यहां चिकित्सकों व अन्य स्टाफ के लिए छह आवास बनाए हुए हैं। उनमें से केवल एक उपयोगी है अन्य 5 जर्जर होने के कारण छत से पानी टपकता है और कंकड़ गिरते रहते हैं। इनका पुननिर्माण जरूरी हो गया है।
इनका कहना है

सीएचसी में एक्स रे मशीन पुरानी होने से मरीजों को फायदा नहीं मिल पा रहा है। डिजीटल एक्स रे मशीन की कई बार मांग की गई। सीएमएचओं के निरीक्षण के दौरान शहरवासियों व स्टाफ ने मांग रखी तो सकारात्मक आश्वासन भी मिला है।
डॉ. रामअवतार जाखड़, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी, सीएचसी, कुचेरा

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